रायपुर। Chhattisgarh News : कोरोना और आर्थिक मंदी के कारण राजस्व में आई कमी की वजह से राज्य सरकार को बार-बार कर्ज लेना पड़ रहा है। छत्तीसगढ़ समेत 11 राज्यों ने प्रतिभूति (बांड) के एवज में कर्ज के लिए रिवर्ज बैंक आफ इंडिया में आवेदन दिया है।
छत्तीसगढ़ ने एक हजार करोड़ छह वर्ष के लिए देने का प्रस्ताव आरबीआइ को दिया है। वहीं, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडू ने सीधे 3500-3500 करोड़ स्र्पये कर्ज मांगा है। कर्ज के लिए आरबीआइ में दस्तक देने वाले इन 11 राज्यों में कुछ ने पिछले पखवाड़े भी कर्ज लिया था।
राज्यों से मिले आवेदनों के आधार आरबीआइ ने वित्तीय संस्थाओं से प्रस्ताव आमंत्रित किया है। वित्तीय संस्थाएं 25 जनवरी तक अपना प्रस्ताव देगीं, जिसके आधार पर ब्याज की दर आदि तय की जाएगी।
छत्तीसगढ़ केवल छह वर्ष के लिए ले रहा कर्ज
प्रदेश सरकार केवल छह वर्ष हजार करोड़ उधार ले रही है। वहीं पुडूचेरी ने 250 करोड़ स्र्पये चार वर्ष के लिए मांगा है। बाकी सभी राज्य सरकारें 10 से 30 वर्ष के लिए कर्ज ले रही हैं। वित्त के जानकारों के अनुसार कर्ज की अवधि जिनती लंबी होगी, ब्याज दर उतना अधिक होगा।
अब तक नौ हजार करोड़ ले चुकी राज्य सरकार
प्रदेश सरकार चालू वित्तीय वर्ष में आरबीआइ के माध्यम से नौ हजार करोड़ स्र्पये कर्ज ले चुकी है। इस हजार करोड़ को शामिल करने के बाद आंकड़ा 10 हजार करोड़ पहुंच जाएगा। इसके बावजूद नियमानुसार राज्य सरकार अभी दो हजार करोड़ का और कर्ज ले सकती है। वहीं, जीएसटी क्षतिपूर्ति के एवज में कर्ज लेने की सीमा में दो फीसद की गई बढ़ोतरी से यह आंकड़ा और बढ़ गया है।
राज्य के बजट पर 5300 करोड़ से अधिक का कर्जभार
प्रदेश सरकार पर कुल कर्जभार करीब 68 हजार करोड़ स्र्पये पहुंच गया है। इसमें से 41 हजार करोड़ मौजूदा सरकार को विरासत में मिली है। इस कर्ज के एवज में सरकार को इस वर्ष 53 सौ करोड़ से अधिक का ब्याज चुकाना पड़ेगा।
राज्य लिए जाने वाले कर्ज की राशि कर्ज की अवधि
छत्तीसगढ़ 1000 06
गुजरात 500 10
हरियाणा 2000 20
हिमाचल प्रदेश 500 10
500 12
मध्य प्रदेश 1000 --
पुडूचेरी 250 04
राजस्थान 500 04
1000 10
500 20
तमिलनाडू 3500 --
तेलंगाना 1000 30
उत्तर प्रदेश 3500 10
बंगाल 2000 10
Posted By: Kadir Khan
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