रायपुर। Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ राज्य में बाघों के संरक्षण को लेकर खर्च की गई राशि को लेकर भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर हमला बोला है। भाजपा नेता व पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा ने आरोप लगाया है कि वन विभाग में भ्रष्टाचार की नई इबारत लिखी जा रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने 2019 से 2022 में राज्य भर के कुल 19 बाघों पर 183.77 करोड़ रुपये खर्च कर दिए। विशेषज्ञों व वन्यजीव संरक्षण के अभियान के लिए काम करने वालों का मानना है कि रिजर्व फारेस्ट में बाघों के खानपान पर कोई खर्च ही नहीं किया जाता है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने पटलवार किया। उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री गागड़ा को अपने कार्यकाल का भ्रष्टाचार भूला नहीं है। उन्हें अभी भी वन विभाग में अपने कार्यकाल के भ्रष्टाचार की याद आ रही है। इसलिए वह इस तरह की वेबुनियाद बयानबाजी कर रहे हैं।
संरक्षण के नाम पर कोरी लफ्फाजी: गागड़ा
गागड़ा ने कहा कि प्रदेश सरकार वन्य जीव संरक्षण और संवर्धन के नाम पर भी कोरी लफ्फाजी कर रही है। वन्य प्राणियों की मौत, शिकार और तस्करी के मामले बढ़े हैं, अपितु जंगली इलाकों में बसे गांव में वन्य प्राणियों के हमलों में ग्रामीणों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है। पिछले चार वर्ष में जंगली हाथियों के हमले में 204 लोगों की मौत हुई। इसी तरह 45 हाथी भी सुरक्षा की बदइंतजामी के चलते मारे गए।
वन संरक्षण के नाम पर गागड़ा ने किया अपना पोषण: शुक्ला
सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि 15 वर्ष तक छत्तीसगढ़ में वन व वन्य प्राणियों के संरक्षण की बजाय गागड़ा अपने पोषण में लगे रहे। वन विभाग भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया था। इनके अधिकारी घर में स्वीमिंग पुल बनाते रहे हैं। हमारी सरकार ने हाथियों के लिए तीन अभ्यारण्य बनाए। बाघों के संरक्षण के लिए योजना बनाई है। 48 प्रतिशत वन अच्छादित क्षेत्र को सरकार संवारने में लगी है।
Posted By: Ashish Kumar Gupta