रायपुर। राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ में सरकार ने 19 जिलों के कलेक्टर सहित 37 आइएएस अधिकारियों का तबादला किया है। विधानसभा चुनाव से पहले हुए तबादले को लेकर अब सियासी किचकिच शुरू हो गई है। सरकार ने परफार्मेंस और तीन साल का समय पूरा करने वाले कलेक्टरों को बदला है।
इस बीच, कुछ विवादित अफसरों को नए जिले की कमान मिलने से भाजपा ने सरकार पर निशाना साधा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सूरजपुर के भेंट मुलाकात कार्यक्रम में आइएएस राहुल देव को हटा दिया था। अब राहुल को मुंगेली का कलेक्टर बनाया गया है। वहीं, कोरबा में मंत्री जयसिंह अग्रवाल के साथ विवाद के बाद कलेक्टर रानू साहू को हटाया गया है। रानू को औद्योगिक शहर रायगढ़ का कलेक्टर बनाया गया है।
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प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने मुख्यमंत्री बघेल से सवाल किया कि आखिरी कौन सी वजह है, जिसके कारण दागी अधिकारियों को ईमानदारी का सर्टिफिकेट देकर नए जिलों में पदस्थ किया जा रहा है। जनता की मांग को पूरा नहीं करने वाले कलेक्टर को पहले हटाया, फिर नए जिले का कलेक्टर बना दिया गया। मुख्यमंत्री बघेल की यह कौन सी दोहरी नीति है।
साय ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने के बाद तबादले को अधिकृत उद्योग का स्वरूप दे दिया गया है। दागी अधिकारी को नए जिले का कलेक्टर बनाना बताता है कि सीएम बघेल अपने फैसले पर कितने दिन तक अडिग रह सकते हैं। उनके फैसलों में जनता की भावनाओं की अनदेखी हो रही है। मुख्यमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए कि आइएएस अधिकारी पर लगे आरोप यदि सत्य थे, तो इतनी जल्दी आरोप से मुक्त कैसे हुए और उन्हें कलेक्टर किन कारणों से बनाया गया।
Posted By: Ashish Kumar Gupta
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