रायपुर। सात साल पहले रिश्वत लेते सीबीआइ भिलाई शाखा की टीम के हत्थे चढ़े एसईसीएल बिलासपुर के डीएफएम कार्यालय में पदस्थ रहे सहायक डिवीजनल फाइनेंस मैनेजर अजय कुमार पंडा को सीबीआइ की विशेष न्यायाधीश ममता पटेल ने दो अलग-अलग धाराओं में क्रमश: तीन और चार वर्ष सश्रम कारावास के साथ ही पांच-पांच हजार रुपये के अर्थदंड की सजा से दंडित किया है। अर्थदंड की राशि का भुगतान न करने पर आरोपित को छह माह अतिरिक्त कैद भुगतना होगा।
सीबीआइ की विशेष न्यायाधीश ने सुनाई सजा
शासकीय लोक अभियोजक रजत कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पीड़ित आरएम सुब्रमण्यम से एसईसीएल बिलासपुर के डीएफएम कार्यालय में पदस्थ सहायक डिवीजनल फाइनेंस मैनेजर अजय कुमार पंडा ने टेंडर में बिना बाधा के नेगोसिएशन के लिए रिश्वत की मांग की थी। आरएम सुब्रमण्यम परेशान होकर इसकी शिकायत सीबीआइ की भिलाई शाखा में की थी।
शिकायत के आधार पर 13 मई 2016 को सीबीआइ की टीम ने अजय कुमार पंडा को 11 हजार छह सौ रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा था। मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7,13(1) डी के तहत केस दर्ज कर आठ जुलाई 2016 को आरोप पत्र सीबीआइ की विशेष न्यायाधीश ममता पटेल की कोर्ट में पेश किया।
न्यायाधीश ने सीबीआइ के अधिकारियों की ओर से पेश किए गए ठोस सुबूत, गवाहों के बयान के आधार पर आरोपित अजय पंडा के खिलाफ दोष सिद्व पाकर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 में तीन वर्ष और धारा 13(1)डी में चार वर्ष सश्रम कारावास के साथ पांच-पांच हजार रुपये की अर्थदंड की सजा सुनाई। दोनों सजाएं एक साथ चलंेगी।
Posted By: Ashish Kumar Gupta
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