रायपुर (राज्य ब्यूरो)। वर्ष 2025 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं। संघ ने शताब्दी वर्ष को मनाने के लिए अभी से तैयारी में शुरू कर दी है। इस शताब्दी वर्ष में हर घर में एक राष्ट्रीय स्वयं सेवक होगा। इसके लिए अखिल भारतीय स्तर की प्रांत प्रचारक बैठक का आयोजन राजस्थान के झुंझुनूं में प्रस्तावित है। सात से नौ जुलाई तक तीन दिन तक चलने वाली इस बैठक में इसमें छत्तीसगढ़ समेत देशभर के सभी प्रांत प्रचारक और सह-प्रांत प्रचारक एकजुट होंगे।
दरअसल, संघ आने वाले वर्षाे में अपने प्रसार के लिए रणनीति बनाने जा रहा है। जानकारी के मुताबिक देश के विकास के लिए जनजागृति के कार्यक्रमों को नया स्वरूप भी दिया जा सकता है। ताकि अपनी पवित्र भूमि को परम वैभव तक ले जाने के लिए संघ प्रकाशमान हो सके।
प्रदेश के एक शीर्ष पदाधिकारी ने बताया कि इसमें संघ के शताब्दी वर्ष की कार्य विस्तार योजना पर भी विचार-विमर्श होगा। संघ की शाखाएं सेवाभाव, एकजुटता, भाईचारा और राष्ट्रप्रेम सिखाती हैं। इस बैठक में संघ के प्रशिक्षण वर्ग व शिक्षा वर्ग की समीक्षा भी की जाएगी। कोरोना काल में भी भी कार्ययोजनाएं अंतिम रूप नहीं ले पाई हैं उन पर भी संघ विचार-विमर्श करेगा। खासकर आने वाले वर्षों की कार्ययोजना और प्रवास यानी दौरे की योजना जैसे विषयों पर बैठक में चर्चा होगी। साथ ही सरसंघचालक डा. मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले समेत, सभी सह सरकार्यवाह हिस्सा लेंगे। छत्तीसगढ़ से प्रांत प्रचारक प्रेम शंकर और सह प्रांत प्रचारक नारायण नामदेव शामिल होंगे।
शाखा के विस्तार पर बनेगी रणनीति
सूत्रों की माने को कोरोना काल में सघ की शाखाएं भी प्रभावित रहीं हैं, इसलिए शाखा के विस्तार के लिए भी संघ अपनी कार्ययोजना बना सकता है। खासकर व्यक्तित्व निर्माण और समाज निर्माण के लिए संघ के स्वयं सेवकों को दायित्व पूरा करने का ध्येय रहेगा। गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 27 सितंबर सन् 1925 में विजयादशमी के दिन डा. केशवराव बलिराम हेडगेवार द्वारा नागपुर में की गई थी।
Posted By: Pramod Sahu
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