रायपुर। Raipur News हाथी-मानव द्वंद को रोकने के लिए वन अफसरों ने नई गाइडलाइन तैयार की है जिसे लेकर ढेरों आपत्तियां हैं। गाइडलाइन में बताया जा रहा है कि कुछ हाथी दलों में नर हाथी दल का नेतृत्व करते हैं और कुछ हाथी दलों में मादा हाथी दल का नेतृत्व करती है। जबकि विशेषज्ञों का दावा है कि हाथी परिवार में सिर्फ मादा ही दल का नेतृत्व करती है।

गाइडलाइन के प्रमुख बिंदुओं पर आपत्ति जताते हुए वन्य प्राणी विशेषज्ञ नितिन सिंघवी ने वन मंत्री माेहम्मद अकबर से शिकायत की है और इस गाइडलाइन के अंतिम प्रकाशन पर रोक लगाने की मांग की है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में हाथी मानव द्वंद्व में विगत तीन साल में 55 हाथियों की मौत हुई। इस दौरान 204 लोगों की मौत हो चुकी है।

नई गाइडलाइन के बिंदु

- हाथी से बचने के लिए मानव की आदर्श दूरी 250 मीटर होनी चाहिए।

- नर हाथी को पुरुष और मादा हथनी को महिला लिखा गया है।

- हाथियों के लिए अपराधी शब्द का उपयोग और उन्हें कैद करने की बात की है।

- सींग और सायरन का प्रयोग और हाथियों की ओर बढ़ना कभी-कभी खतरनाक हो सकता है।

- क्षेत्र में संदिग्ध हाथियों की तलाश करें।

आपत्ति और सुझाव

- इतनी कम दूरी जनहानि बढ़ाने वाली है। आत्मघाती सिद्ध होगी और जनहानि बढ़ाएगी।

- नर हाथी और मादा हथनी होना चाहिए, महिला-पुरुष का प्रयोग ठीक नहीं ।

- वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम में कैद शब्द उपयोग ही नहीं किया गया।

- दिशा निर्देश में ये सींग कहा से आ गया?, यह शब्द ठीक नहीं है।

- निर्देश में किन संदिग्ध हथियों की बात कर रहा है ये स्पष्ट नहीं ।

वाइल्ड लाइफ छत्तीसगढ़ एपीसीसीएफ कौशलेंद्र कुमार का कहना है कि हम जो भी गाइडलाइन तैयार कर रहे हैं, उसमें केंद्रीय वन मंत्रालय के नियमों का अनुसरण कर रहे हैं। जिन बिंदुओं को लेकर आपत्ति है उन पर विचार करेंगे।

Posted By: Vinita Sinha

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