रायपुर (राज्य ब्यूरो)। राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए फसल बीमा पोर्टल और राज्य के भुईंया पोर्टल को एक-दूसरे से जोड़ने(लिंक करने) का फैसला लिया है। इससे किसानों को उनकी भूमि के रिकार्ड के आधार पर ही बीमा का क्लेम मिलेगा। यदि किसी किसान के पास एक एकड़ जमीन है तो उस रकबे के आधार पर ही वह बीमा करा सकेगा। इसके अलावा गिरदावरी का रिकार्ड भी जांचा जा सकेगा।
अब 15 जुलाई तक पंजीयन करा सकते हैं किसानों
इस प्रक्रिया से न केवल किसानों को, बल्कि राज्य सरकार को भी बीमा क्लेम का फायदा किसानों तक पहुंचाने में आसानी होगी। अभी तक यह व्यवस्था ओड़िशा, महाराष्ट्र और राजस्थान में लागू है। बता दें कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए किसान अब 15 जुलाई तक पंजीयन करा सकते हैं। खरीफ वर्ष 2022 के तहत फसल को प्रतिकूल मौसम, सूखा, बाढ़, कीट व्याधि, ओलावृष्टि आदि प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान में वित्तीय सहायता दिलाने के लिए विगत महीने से फसल बीमा का काम चल रहा है।
ऋणी कृषकों का बीमा संबंधित बैंक, सहकारी समिति द्वारा अनिवार्य रूप से किया जाएगा। उन्हें केवल घोषणा एवं बुवाई प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा। अऋणी कृषकों का बैंक, सहकारी समिति एवं लोक सेवा केंद्र में बीमा प्रस्ताव फार्म, नवीनतम आधारकार्ड, बैंक पासबुक, भू-स्वामित्व साक्ष्य बी-1 पांच साला, किरायेदार, साझेदार कृषक का दस्तावेज, बुवाई प्रमाणपत्र एवं घोषणा पत्रप्रदाय कर बीमा करा सकते हैं।
अब तक इतने किसानों ने किया पंजीयन
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत ऋणी किसानों में 48 लाख एक हजार 493 और अऋणी कृषकों में एक हजार 687 किसानों ने पंजीयन करा लिया है। इस योजना के तहत अधिसूचित फसल उगाने वाले सभी गैर ऋणी कृषक जो योजना में सम्मिलित होने के इच्छुक हों वे बुआई पुष्टि प्रमाणपत्र सत्यापित कर और अन्य दस्तावेज प्रस्तुत कर योजना में सम्मिलित हो सकते हैं।
इस योजना के तहत किसानों को खरीफ फसलों की बीमा के लिए कुल प्रीमियम राशि का मात्र दो प्रतिशत देना होगा। किसानों द्वारा देय प्रीमियम राशि 1100 रुपये धान सिंचित और 840 रुपये धान असिंचित के लिए प्रति हेक्टेयर की दर से होगी। इसी प्रकार सोयाबीन फसल के लिए 924 रुपये, अरहर फसल के लिए 666 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से देय होगा।
इन फसलों का करा सकेंगे बीमा
खरीफ फसलों के अंतर्गत राज्य में धान सिंचित, धान असिंचित, मूंगफली, सोयाबीन, अरहर, मूंग, उड़द की फसलें अधिसूचित की गई हैं, जिनका बीमा कराया जा सकेगा। बीमा इकाई का क्षेत्र ग्राम होगा। इससे किसान अपनी निर्धारित जमीन पर क्लेम कर सकेंगे।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत पूरी प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए फसल बीमा पोर्टल और राज्य के भुईंया पोर्टल को एक-दूसरे से जोड़ा जा रहा है। -यशवंत कुमार, संचालक, कृषि विभाग, छत्तीसगढ़
Posted By: Pramod Sahu
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