रायपुर (आकाश शुक्ला)। प्रदेश के शासकीय डीकेएस सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल में फर्नीचर सामग्री और माड्यूलर ओटी के लिए उपकरण खरीदी के नाम पर 17.63 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ है। सीजीएमएससी के एमडी अभिजीत सिंह का कहना है कि डीकेएस अस्पताल के लिए सीजीएमएससी द्वारा खरीदे गए उपकरणों की प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई है। इससे जुड़ी जांच चल रही है। सीजीएमएससी फर्नीचर से जुड़ी वस्तुओं की खरीदी नहीं करता है। गड़बड़ी पर जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई करेंगे।
दरअसल, छत्तीसगढ़ स्टेट मेडिकल सर्विसेस कारपोरेशन (सीजीएमएससी) द्वारा बिना निविदा प्रक्रिया अपनाए अस्पताल के लिए 16.40 करोड़ रुपये के कंप्यूटर, टेलीविजन, फोटोकापी मशीन, प्रोजेक्टर समेत अन्य वस्तुओं की खरीदी कर दी गई। वहीं लागत से 40 प्रतिशत यानी 4.90 करोड़ रुपये का अधिक भुगतान कर दिया गया। वहीं माड्यूलर ओटी के लिए चार इंटीग्रेटेड सिस्टम की खरीदी में भी 81.63 लाख रुपये की अनियमितता सामने आई। इसमें निविदा प्रक्रिया तो अपनाई ही नहीं गई, तय कीमत से अतिरिक्त राशि दे दी। महालेखाकार के आडिट रिपोर्ट में गड़बड़ी उजागर होने के बाद सीजीएमएससी इसमें जांच की बात तो कर रहा है, लेकिन भ्रष्ट अधिकारियों पर अब तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई है।
16.40 करोड़ की अनियमितता आई सामने
मिली जानकारी के अनुसार डीकेएस अस्पताल ने 14 फरवरी, 2017 में फर्नीचर से जुड़ी सामग्री की मांग सीजीएमएससी से की। 11.50 करोड़ रुपये लागत के बदले मैसर्स मेडिग्लोब एजेंसी से 16.40 करोड़ में 12 अगस्त 2017 में फर्नीचर, कंप्यूटर, टेलीविजन, रेफ्रिजरेटर, फोटोकापी मशीन, स्मार्ट फोन, माइक्रोवेव ओवन, पानी फिल्टर, एलईडी डिस्प्ले स्क्रीन, प्रोजेक्टर, साउंड सिस्टम आदि की खरीदी के लिए करार कर लिया। निविदा नियमों की धज्जियां उड़ाई ही, सामग्री की खरीदी का अधिकार न होने के बाद भी खरीदी की गई।
बिना निविदा के फिर 81.63 लाख की खरीदी
माड्यूलर ओटी में चार इंटीग्रेटेड सिस्टम के लिए 23 मार्च, 2018 डीकेएस अस्पताल ने जरूरत पर मांग पत्र भेजा। बिना निविदा निकाले मैसर्स मेडिग्लोब से फिर 81.63 लाख रुपये प्रति उपकरण की खरीदी की गई। इसमें भी एजेंसी द्वारा 22 जून, 2018 में भेजे गए सामान की राशि से 11.32 लाख रुपये अतिरिक्त दे दे गए। जांच में गड़बड़ी सामने आने के बाद अधिकारियों ने मिलीभगत से फाइलें ही दबा दीं। डीकेएस अस्पताल की अधीक्षक डा. शिप्रा शर्मा का कहना है कि यह मामला मेरे आने से पहले का है। अस्पताल में चिकित्सकीय उपकरण व दवाओं के लिए हम सीजीएमएससी को मांग-पत्र भेजते हैं। खरीदी से जुड़ी सारी प्रक्रिया सीजीएमएससी करता है। इस संबंध में विभाग ही बेहतर बता पाएगा।
Posted By: Abhishek Rai
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