रायपुर। राज्य ब्यूरो। विधानसभा केबजट सत्र मेें विपक्षी विधायकोें से ज्यादा सत्त्ता पक्ष केविधायकोें के सवालोें ने मंत्रियोें को परेशान किया। कोई दिन ऐसा नहीं गया, जिसमेें कांग्रेस विधायकोें केसवाल पर मंत्री न फंसे हो। सत्त्ता पक्ष केविधायकोें केसवाल पर भाजपा विधायकोें ने बीच-बीच मेें घेरने की कोशिश की।
विपक्ष केविधायकोें ने हंगामा तो किया, लेकिन किसी भी मुद्दे पर सरकार को मजबूती से नहीं घेर पाए। दिसंबर-जनवरी केसत्र मेें भाजपा विधायकोें ने रोज गर्भगृह मेें पहुंचकर नारेबाजी की और सदन की कार्यवाही से बाहर चले गए। बजट सत्र मेें यह बदलाव देखने को आया कि भाजपा विधायक वेल मेें नहीं पहुंचे। सदन केफ्लोर मैनेजमेेंट को लेकर विपक्षी विधायकोें ने संसदीय कार्यमंत्री को घेरा।
सदन की कार्यवाही केदौरान विधायक मोहन मरकाम ने कोेंडागांव मेें डीएमएफ को लेकर मंत्री को घेरा। तीखी बहस केबाद मंत्री ने जांच की घोषणा की। विधायक शैलेश पांडेय, छन्न्ी साहू, गुलाब कमरो, अमितेश शुक्ला, डा. विनय जायसवाल, धनेंद्र साहू, अनिता शर्मा और पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा ने अलग-अलग विभागों में अनियमितता -भ्रष्टाचार के सवाल उठाये। दरअसल, पिछले चार साल मेें पहली बार ऐसा देखने को मिला कि सत्त्ता पक्ष केविधायक ज्यादा आक्रमक नजर आए।
भाजपा केनेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल से ज्यादा विधायक बृजमोहन अग्रवाल, धरमलाल कौशिक, अजय चंद्राकर और शिवरतन शर्मा सक्रिय नजर आए। सदन मेें एक बार ऐसी स्थ्ािति आ गई कि इन चारोें विधायकोें केसवाल और हंगामे से बसपा विधायक केशव चंद्रा बिफर गए। चंद्रा ने कहा कि क्या सिर्फ चार विधायकोें के लिए सदन की कार्यवाही संचालित हो रही है। चंद्रा को कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह का भी समथर््ान मिला।
सीएम ने हर सवाल का दिया जवाब
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विपक्षी विधायकोें केहर सवाल और आरोपोें का जवाब दिया। राज्यपाल केअभिभाषण पर हंगामा हो या फिर मुख्यमंत्री केविभाग की अनुदान मांगोें पर चर्चा, सीएम बघेल ने सधे अंदाज मेें जवाब दिया। यही नहीं, विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि मुख्यमंत्री के जवाब मेें हर बार कोई न कोई घोषणा होती है। यह परंपरा रही है, इस बार भी इसका ध्यान रखेें। मुख्यमंत्री ने विनम्रता से कहा कि सभी की मांगोें पर विनियोग केजवाब मेें घोषणा करेेंगे।
सत्त्ता पक्ष से ज्यादा समय तक बोले विपक्षी
बजट पर आय-व्यय की चर्चा करीब दस घंटे तक चली। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के भाषण मेें टोका-टोकी केबाद एक बार टकराव की स्थ्ािति बनी। विपक्षी विधायकोें ने आरोप लगाया कि सत्त्ता पक्ष के विधायक और मंत्री हस्तक्षेप कर रहे हैैं। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि करीब दस घंटे की चर्चा हुई, जिसमेें छह घंटे का समय विपक्ष को दिया गया। चर्चा के लिए विधायकोें की संख्या केआधार पर समय तय होता है, लेकिन अध्यक्ष ने सभी विपक्षी विधायकोें को बोलने का अवसर दिया।
इन मुद्दोें पर हुई चर्चा
बजट सत्र मेें पीएम आवास, बेरोजगारी भत्त्ता, सरकार के कर्ज, पुरानी पेेंशन योजना, डीएमएफ मेें गड़बड़ी, पीडीएस केचावल वितरण मेें गड़बड़ी पर चर्चा हुई।
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