रायपुर। पूर्व मुख्‍यमंत्री डा रमन सिंह के बयान पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पलटवार किया है। सीएम बघेल ने मीडिया से बातचीत में कहा, डा रमन सिंह अपनी टिकट की चिंता करें। विधायकों को तोड़ नहीं पाए तो अब कुछ भी बोल रहे हैं। भाजपा के जो 14 विधायक हैं उन्हें टिकट मिलेगी या नहीं इसकी चिंता करें। पूर्व प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी ने क्या कहा था उसे भी याद रखें। पूर्व मुख्‍यमंत्री रमन सिंह ने एक बयान में कहा था कि छत्‍तीसगढ़ में भाजपा राज्‍य में 15 साल और केंद्र में मोदी सरकार के आठ साल के विकास कार्यों की बदौलत चुनाव लड़ेगी, जबकि कांग्रेस के विधायक चुनाव लड़ने से इन्‍कार कर रहे हैं।

दरअसल, बिहार और उत्तर प्रदेश के नेताओें के रामचरितमानस पर विवादित बयान की आंच अब छत्त्तीसगढ़ तक पहुंच गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि रामचरितमानस को लेकर जो भी विवाद हो रहा है, वह वोट के लिए हो रहा है। गोस्वामी तुलसीदास ने जिस समय रामायण की रचना की थी, वह क्रांतिकारी कदम था, उस समय उनका भी विरोध हुआ था। बनारस में आप देखेंगे तो उनको रहने की जगह नहीं दी गयी। उन्होंने खुद लिखा था कि मांगि के खैबे मसीत में सोइबे। गोस्वामी तुलसीदास ने जब स्थानीय भाषा में लिखना शुरू किये तो सारे लोग विरोध करना शुरू कर दिया। उनको कितनी आलोचना और प्रताड़ना सहनी पड़ी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि तुलसीदास ने भगवान राम को मंदिर से बाहर निकाला और कबीरदास ने राम को घट-घट तक पहुंचाने का काम किया। सब रामायण की अपने अनुसार व्याख्या करते हैं। जाकी रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखी तिन तैसी। रामायण के मामलें में बात करें तो किसी धर्म, दर्शन को किसी समय लिखा गया है, उसकी आज की स्थिति में पूर्ण विवेचना करना चाहिए। सूक्ष्म से सूक्ष्म तथ्यों को विचार करके ग्रहण करना चाहिए। संत महात्मा ने जो किया, उसको समझिए, लोग छोटे-छोटे विवाद पैदा करके वोट की राजनीति कर रहे हैैं।

समीक्षा की बात कहकर सीएम ने पूरे सनातन संस्कृति का अपमान किया- भाजपा

मुख्यमंत्री के बयान के बाद भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की एक टिप्पणी आई, जिसको लेकर विवाद मच गया। बृजमोहन ने भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में कहा कि मुख्यमंत्री का एक बयान देखा है, जिसमें उन्होंने रामायण की समीक्षा की बात की है। मैं उन्हें विद्वान मानता हूं। इसकी समीक्षा की बात कहकर उन्होेंने पूरे सनातन संस्कृति का अपमान किया है। अग्रवाल ने कहा कि क्या मुख्यमंत्री तुलसीदास और वाल्मीकि से बड़ हो गए हैं। प्रभु राम की जीवनगाथा है, क्या इसे मुख्यमंत्री बदलेंगे। क्या गीता को मुख्यमंत्री बदलेंगे। मुख्यमंत्री इसके लिए माफी मांगे। सत्ता लोलुपता के चलते सनातन का अपमान किया गया। बृजमोहन के बयान पर कांग्रेस ने पलटवार किया है।

कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि बृजमोहन अग्रवाल और भाजपा गलतबयानी कर रामायण का अपमान कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के बयान में अपनी मंशा जोड़ना भाजपा नेता की स्तरहीन हरकत है। मुख्यमंत्री ने जो नहीं कहा बृजमोहन वह कह रहे हैं। शुक्ला ने कहा कि बृजमोहन बोल रहे हैं कि मुख्यमंत्री ने रामायण की समीक्षा की बात कही, जबकि मुख्यमंत्री ने कही भी ऐसा कोई बयान नही दिया है। बृजमोहन अग्रवाल और भाजपा के नेता सत्ता हाथ से जाने के बाद बौखला गए हैं और अपना मानसिक संतुलन खो बैठै है।

सस्ते प्रचार के लिए बृजमोहन ने किया रामायण का अपमान: कांग्रेस

सुशील शुक्ला ने कहा कि कांकेर रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री बघेल ने मीडिया से चर्चा मेें कहा था कि रामचरित मानस, रामायण, और भगवान राम के चरित्र का हर व्यक्ति को अध्यन करना चाहिए, उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। रामचरित मानस, रामायण लोगों में जागरूकता फैलाती है और लोगों के चरित्र का निर्माण करती है। हर व्यक्ति को रामचरित्र मानस का पाठ करना चाहिए। मुद्दों के दिवालिएपन से जूझ रहे भाजपा के नेता अब कांग्रेस नेताओं के नाम पर झूठ परोस कर जनता में भ्रम फैलाकर अपनी राजनीति करना चाह रहे। बृजमोहन को मुख्यमंत्री बघेल और देश के करोड़ो हिंदुओं से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने सस्ता प्रचार पाने के लिये रामायण का अपमान किया है।

सीएम बघेल ने किया पलटवार, बोले- रमन सिंह अपनी टिकट की चिंता करें, रामचरितमानस पर कही ये बड़ी बात: https://t.co/IgzKwI69sQ#RamanSingh #bhupeshbaghel #CGNews #politics pic.twitter.com/cX12tIdnnS

Posted By: Ashish Kumar Gupta

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