रायपुर। राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ में आरक्षण विवाद को लेकर सरकार और राजभवन के बीच दो महीने से जारी तकरार के बीच अब कांग्रेस ने नया मोर्चा खोला है। छत्त्तीसगढ़ के सबसे बड़े पंडित रविशंकर शुक्‍ल विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने एक पत्र लिखा है, जिसमें कुलपति के पद पर स्थानीय छत्तीसगढ़िया व्यक्ति को ही नियुक्त करने की मांग की गई है। इससे पहले भी इंदिरा गांधी कृषि विवि में कुलपति की नियुक्ति के समय छत्तीसगढ़िया बनाम बाहरी का मुद्दा उठा था। तब राज्यपाल ने सरकार के सुझाव को मान लिया था, लेकिन अब राजभवन और सरकार के बीच तकरार चरम पर है। आरक्षण विवाद से तल्खी बहुत बढ़ चुकी है।

मोहन मरकाम ने राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा है, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में नये कुलपति की नियुक्ति की जानी है। चयन समिति का गठन किया जा चुका है। चयन समिति इस महीने नए कुलपति के नाम की सिफारिश कर सकती है। यह उचित होगा कि स्थानीय प्रतिभावान प्राध्यापकों को प्राथमिकता दी जाए।

छत्तीसगढ़ के विश्वविद्यालयों में राष्ट्रीय स्तर के अनेक प्रतिभावान प्राध्यापक उपलब्ध हैं, जो प्रदेश और प्रदेश के बाहर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। यहां के विद्वान प्राध्यापकों के शोध एवं प्रोजेक्ट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्य किए गए हैं। स्थानीय प्राध्यापक, छत्तीसगढ़ के भौगोलिक, सामाजिक, शैक्षणिक और विद्यार्थियों की प्रतिभा से भी भलीभांति परिचित हैं।

कुलपति की नियुक्ति का विधेयक भी रोक रखा है

कुलपति की नियुक्ति के अधिकार संबंधी विधेयक को राज्यपाल ने पहले से ही रोक रखा है। इंदिरा गांधी कृषि विवि तथा कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विवि में कुलपति की नियुक्ति में भी सरकार और राज्यपाल के बीच तनातनी हुई थी। इंदिरा गांधी कृषि विवि में स्थानीय को कुलपति बनाने की मांग को लेकर छात्रों ने प्रदर्शन किया था। तब राज्यपाल ने कहा था कि क्या एक ही वर्ग से कुलपति बनेंगे। यहां ओबीसी के अलावा आदिवासी व अन्य भी हैं। इस विवाद के बाद सरकार ने विधानसभा से विधेयक पारित किया कि कुलपति की नियुक्ति का अधिकार सरकार को होगा। राज्यपाल ने इस पर न हस्ताक्षर किया न वापस लौटाया।

राज्यसभा सदस्य बाहरी और कुलपति स्‍थानीय चाहिए: भाजपा

छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ से राज्यसभा भेजने की बात आती है तो छत्तीसगढ़िया वाद की दुहाई देने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कोई योग्य छत्तीसगढ़िया नहीं मिलता। उन्होंने पूछा कि राज्यसभा सदस्य बनने के बाद छत्तीसगढ़ नियुक्ति पत्र लेने नहीं आने वाले केटीएस तुलसी, राजीव शुक्ला और रंजीता रंजन के बारे में कांग्रेस की क्या राय है। कांग्रेस को राज्यसभा सदस्य बाहरी और कुलपति स्‍थानीय चाहिए, जनता यह राजनीति बखूबी समझती है।

Posted By: Ashish Kumar Gupta

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