रायपुर। CG Budget Session 2023: छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रश्नकाल में प्रदेश के बेरोजगारों और बेरोजगारी भत्त्ता को लेकर सत्त्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। बहस की शुरुआत विधायक अजय चंद्राकर के उस सवाल से हुई, जिसमें उन्होने पूछा कि जिस संस्था को मान्यता नहीं है, उसके आंकड़ों के आधार पर क्या सदन में चर्चा हो सकती है।
दरअसल, मंत्री उमेश पटेल ने अपने जवाब में कहा था कि सेंटर फार मानिटरिंग इंडिया इकोनामी (सीएमआइई) की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 0.5 प्रतिशत बेरोजगारी दर है। चंद्राकर ने पूछा कि बेरोजगारों की परिभाषा क्या है और कितने बेरोजगार हैं।
मंत्री पटेल बोले-केंद्र ने बंद किया एनएसएसओ सर्वे
इस पर मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि केंद्र सरकार बेरोजगारी केआंकड़े जारी करती थी, लेकिन पिछले नौ वर्षो से एनएसएसओ सर्वे की रिपोर्ट जारी नहीं की गई है। देश में एक ही संस्था सीएमआइई बेरोजगारी के आंकड़े पेश कर रही है, जिस पर चर्चा हो रही है।
विधायक अजय चंद्राकर ने सीएमआइई के आंकड़ोें पर उठाया सवाल
मंत्री उमेश पटेल और अजय चंद्राकर के बीच चल रहे सवालों पर विधानसभा अध्यक्ष डा चरणदास महंत ने हस्तक्षेप किया। डा महंत ने पहले तो कहा कि जिस संस्था को मान्यता नहीं है, उसके आंकड़ों पर चर्चा नहीं हो सकती, लेकिन बाद में उन्होंने पूछा कि पंजीयन कार्यालय से बेरोजगारों की संख्या क्यों नहीं मिलती।

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यह भी पढ़ें सत्त्ता पक्ष और विपक्ष के बीच हंगामे, नारेबाजी और तीखी बहस के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मोर्चा संभाला और कहा कि केंद्र सरकार अगर एनएसएसओ सर्वे की रिपोर्ट जारी करती तो निजी संस्था की रिपोर्ट को आधार बनाने की जरूरत नहीं पड़ती।
अगर केंद्र सरकार जनगणना कर देती तो आरक्षण के लिए सरकार को अलग से गणना नहीं करनी पड़ती। इस सर्वे को पूरी दुनिया मान रही है। विपक्षी विधायकों को गर्व होना चाहिए कि प्रदेश में सबसे कम बेरोजगारी है। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा, मंत्री सही जवाब नहीं दे रहे हैं। हर चीज मेें केंद्र सरकार पर आरोप लगा रहे हैं। उनके जवाब से असंतुष्ट होकर हम बहिर्गमन करते हैं।
भत्त्ता देने से पहले पता होना चाहिए बेरोजगारोें की संख्या: डा महंत
विधानसभा अध्यक्ष डा चरणदास महंत ने कहा कि सरकार युवाओं को बेरोजगारी भत्त्ता देने जा रही है। ऐसे में सरकार के पास बेरोजगारों की वास्तविक संख्या होनी चाहिए। पंजीयन कार्यालय को इस लायक बनाया जाए कि वह सही आंकड़े रख सके। मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि पंजीयन कराने वालों का आधार नहीं होता है, इसलिए जिन लोगों को रोजगार मिल गया, उनकी जानकारी नहीं मिल पाती है। कोर्ट ने आधार की बाध्यता को समाप्त कर दिया है। डा महंत ने कहा कि कोई रोजगार मांग रहा है और वह अपना आधार नहीं दे, फिर कैसे रोजगार मिलेगा।
जिलों में बेरोजगारों का मंगाया गया है आवदेन: मंत्री उमेश
मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि जिलों में बेरोजगारों के लिए आवेदन मंगाया गया है। राज्य सरकार ने भत्त्ता देने के लिए मापदंड तय कर दिया है। इसमें उम्र, आय और परिवार के सदस्य की सरकारी नौकरी को आधार बनाया गया है। पटेल ने कहा कि सरकार बेरोजगारी भत्त्ता देने के लिए कृतसंकल्पित है, बेरोजगारी भत्त्ता देने से कोई रोक नहीं सकता है। केंद्र की मनमोहन सरकार एनएसएसओ के आंकड़े हर साल जारी करती थी, लेकिन मोदी सरकार केआने केबाद यह प्रक्रिया बंद हो गई। भाजपा ने हर साल दो करोड़ रोजगार का वादा किया था, जिससे बचने के लिए आंकड़े जारी करना बंद कर दिया गया।
मंत्री भगत पर भड़केअध्यक्ष महंत
अजय चंद्राकर के बार-बार सवाल पूछने पर मंत्री अमरजीत भगत ने आपत्त्ति जताई। भगत की टोका-टोकी से अध्यक्ष महंत नाराज हो गए। उन्होंने तीखे लहजे में कहा कि जो मामला छत्त्तीसगढ़ के बेरोजगारों से जुड़ा है, वह मेरे लिए गंभीर है। इस पर कितने भी सवाल पूछे जाएं, किसी को टोकने का अधिकार नहीं है।
बेरोजगारी भत्त्ते केलिए सिर्फ 50 हजार होंगे पात्र: रमन
पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह ने मीडिया से चर्चा में कहा कि बेरोजगारों से छल किया गया है। घोषणापत्र में कहा गया था कि दस लाख लोगों को बेरोजगारी भत्ता देंगे। आज जब सरकार का आखिरी समय और उल्टी गिनती शुरू हो गई, 3-4 माह के लिए मापदंड तय किया हैं। उनके अनुसार 50-60 हजार लोग भी पात्र नहीं हैैं।
Posted By: Ashish Kumar Gupta
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