रायपुर। निजी नर्सिंग कालेजों में सीटों को भरने के लिए प्रवेश को प्रतिशत शून्य करने की मांग को स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने सिरे से खारिज कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि विभाग की तरफ से नर्सिंग कालेजों का निरीक्षण किया है। अधिकांश निजी नर्सिंग कालेजों में शिक्षण से लेकर प्रशिक्षण की गुणवत्ता बेहद खराब आ रही है। स्थित यह है कि नर्सिंग कर्मियों को सही तरह से सुई लगाना तक नहीं आ रहा है।
टीएस सिंहदेव ने कहा कि अंधाधुंध नर्सिंग कालेज खोलकर बिना अर्हता के छात्रों को भर्ती करने और मोटी फीस लेने से निजी नर्सिंग कालेजों का स्वास्थ्य पूरा सकता है। हालांकि जहां अस्पतालों में जीवन-मरण की बात आती है तो सेवा के दौरान मरीजों की जान पर आ सकती है।
सिंहदेव ने कहा कि राज्य में पहले ही जरूरत से ज्यादा नर्सिंग स्टाफ है, उन्हें नौकरी नहीं मिल पा रही है। ऊपर से प्रवेश प्रतिशत शून्य करके स्थिति और बुरी नहीं कर सकते। स्वास्थ्य मंत्री ने साफ किया कि राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है। प्रवेश में छूट देकर स्थिति को और बुरा नहीं कर सकते हैं।
बीएएसी नर्सिंग की 2,782 सीटें खाली
बता दें कि निजी नर्सिंग कालेजों में बीएससी नर्सिंग की 7,026 सीटों में से 2,782 सीटें खाली हंै। वहीं एमएससी नर्सिंग की 912 सीटों में 616, पोस्ट बेसिक नर्सिंग की 805 सीटों में 287 सीटें और जीएनएम की 1,775 सीटों में से 300 सीटें खाली हंै। निजी नर्सिंग कालेज एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को दूसरी बार पत्र लिखकर प्रवेश प्रतिशत शून्य करने की मांग की है।
Posted By: Ashish Kumar Gupta
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