रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। थर्ड आई की नजर अब चोरी की गाड़ियों और बच्चों पर होगी। यह देखते ही न सिर्फ पुलिस को मैसेज देगी, बल्कि चोर कहां-कहां से गुजर रहे हैं, इसकी जानकारी भी मिलेगी। उसे ट्रैकिंग सिस्टम से निकाल सकेंगे। आइआइआइटी नवा रायपुर के हैकमंथन में इंजीनियरिंग छात्र कार्तिक बागरी के थर्ड आई बेस्ड डीप लर्सिंग माडल को पहला पुरस्कार (80 हजार रुपये व प्रमाण पत्र) मिला है।
नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय दिल्ली में द्वितीय वर्ष के छात्र कार्तिक बागरी ने नईदुनिया से बातचीत में बताया कि गाड़ियों और बच्चों की चोरी की समस्या को देखते हुए उन्होंने सिस्टम तैयार किया। इसमें चौक-चौराहों पर लगे सीसीटीवी में डीप लर्सिंग बेस्ड सिस्टम को जोड़ा जाएगा, जो गाड़ियों के नंबर, चोर व चोरी हुए बच्चों का चेहरा भी स्कैन कर अपने डेटा में रखेगा।
पुलिस में शिकायत की स्थिति में सिस्टम में जानकारी डालने पर चोरी हुई गाड़ी, चोर व बच्चे कहां-कहां से गुजरे हैं, इसकी जानकारी दे देगा। यदि चोरी हुई गाड़ियां व चोर कहीं से गुजरते हैं तो पुलिस को मैसेज के माध्यम से अलर्ट कर देगा। कार्तिक ने बताया कि थर्ड आई बेस्ड डीप लर्सिंग माडल को दो सप्ताह में तैयार किया गया है। इसमें उनके सहयोगी रिनव गुप्ता व वेदांश अरुण रहे हैं, जो उनके सहपाठी हैं।
भड़काऊ पोस्ट की जानकारी दो मिनट में
द्वितीय पुरस्कार विजेता नागपुर ला कालेज में अंतिम वर्ष के छात्र ताहा उद्दिन ने बताया कि तात्पर्य प्रोजेक्ट के तहत एप तैयार किया है। इसमें किसी व्यक्ति के यूजर आइडी डालने के दो मिनट के भीतर व्यक्ति के फेसबुक, टि्वटर समेत सभी सोशल मीडिया के न सिर्फ वर्तमान, बल्कि सालों पुरानी पोस्ट को भी बता देगा, ताकि व्यक्ति के इस्तेमाल किए गए सामान्य हैशटैग, अश्लीलता और धमकी वाली भाषा की पहचान की जा सके। यह साइबर अपराध रोकने में सहायक साबित होगा।
फोन की आवाज से भावनाओं को पढ़ेंगे
तृतीय पुरस्कार पाने वाले आइआइआइटी में कंप्यूटर साइंस तृतीय वर्ष के छात्र विनायक श्रीवास्तव ने बताया कि वाक भावना प्रोजेक्ट के तहत एप तैयार किया है। इसमें फोन या मोबाइल के आवाज को पढ़कर सिस्टम उस व्यक्ति की भावनाओं को बताएगा। इससे उसकी मन: स्थिति की जानकारी होगी। आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगाने में यह प्रोजेक्ट फायदेमंद होगा। इसमें संकल्प वर्मा और विकल्प त्रिपाठी सहयोगी रहे हैं।
देश भर के 790 प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा
बता दें कि साइबर सुरक्षा, डेटा विश्लेषण विकास के बारे में छात्रों में रुचि पैदा करने के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस और आइआइआइटी नवा रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में एक साइबर सुरक्षा हैकथान का आयोजन हुआ। इसमें देश भर के 790 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। प्रतिभागी छात्रों ने ब्लाकचेन विश्लेषण, छवि और आवाज पहचान की समस्याएं, साइबर अपराध, डेटा चोरी, स्पैम काल, सोशल मीडिया पर घृणित टिप्पणी जैसी समस्याओं पर तकनीक से समाधान खोजने के लिए प्रोजेक्ट तैयार किए। कार्यक्रम में डीजीपी अशोक जुनेजा, आइआइटी भिलाई के निदेशक प्रो. रजत मूना, आइआइएम रायपुर के निदेशक प्रो. रामकुमार काकानी, आइआइआइटी नवा रायपुर के निदेशक डा. प्रदीप कुमार सिन्हा और एडीजीपी प्रदीप गुप्ता शामिल थे।
Posted By: Ashish Kumar Gupta
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