अजय रघुवंशी, रायपुर। CG Election 2023 अभनपुर विधानसभा सीट की जब भी बात आती है, कांग्रेस के वर्तमान विधायक धनेंद्र साहू और पूर्व विधायक भाजपा नेता चंद्रशेखर साहू (चंपू) का चेहरा स्वत: ही याद आ जाता है। दोनों अब तक पांच बार आमने-सामने हो चुके हैं। जिसमें चार बार धनेंद्र साहू व एक बार चंद्रशेखर साहू विजयी हुए। दोनों दावेदार जब भी आमने-सामने हुए, साहू समाज का जातीय समीकरण सबसे ज्यादा हावी रहा। इन समीकरणों के बीच मूलभूत सुविधाएं और लोगों की मांग आज भी पूरा होने की प्रतीक्षा कर रही है। रायपुर और नवा रायपुर की सीमाओं को छूने वाले अभनपुर विधानसभा क्षेत्र में 132 गांव हैं। यहां खेतों और लोगों के घरों तक तो पानी पहुंच चुका हैं, लेकिन राजनीति का केंद्र बिंदु रहने वाला अभनपुर ही प्यासा रह गया।

यहां पिछले 10 वर्षों से पानी के लिए संघर्ष चल रहा है। वजह यह है कि अभनपुर के लिए पानी 23 किमी.दूर धुलवा एनीकट से आता है, जिसे अभनपुर पहुंचने में ही पांच घंटे लग जाते हैं। इसके बाद कुछ वार्डों में ही पानी सप्लाई हो पाती है। कांग्रेस की सरकार आने के बाद भी अभनपुर में पानी की समस्या से लोगों को राहत नहीं मिल सकी है। अभनपुर नगर पंचायत में भाजपा का वर्चस्व है, लिहाजा पानी के लिए यहां रोजाना पक्ष-विपक्ष का संघर्ष देखने को मिलता है। बस स्टैंड के करीब ठेले पर समोसा-कचौड़ी बेचने वाले राजू यादव बताते हैं कि सब अच्छा है, लेकिन पानी पर्याप्त नहीं है। गर्मी में दिक्कतें और बढ़ जाती है। विधायक का कहना है कि झांकी एरीकेशन से पानी सप्लाई के लिए मैंने सिंचाई विभाग को चिठ्ठी लिखी है। अभनपुर में पानी की समस्या अब जल्द खत्म होने वाली है। वहीं, विपक्ष की ओर से लगातार आरोप लगाया जा रहा है कि तकनीकी कमियों को दूर न कर पाने के कारण यह समस्या बनी हुई है।

विधायक की बात

जनता के काम को पूरा करना ही ड्रीम प्रोजेक्ट

जनता की मांगों को पूरा करना ही हमारा ड्रीम प्रोजेक्ट हैं। अभनपुर विधानसभा क्षेत्र में अधोसंरचना से लेकर मूलभूत सुविधाएं तेजी से पूरी होती जा रही है। 90 प्रतिशत खेती सिंचित हो चुकी है। 3,000 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्य हुए हैं। अभनपुर में पानी की शीघ्र दूर हो जाएगी। भविष्य में अभनपुर की आर्थिक व व्यवसायिक दृष्टिकोण से उत्तरोत्तर प्रगति होगी। अभनपुर विधानसभा क्षेत्र में सभी गांव पक्की सड़क से जुड़ गए हैं। 90 प्रतिशत खेती को सिंचित क्षेत्र में बदलने का उद्देश्य किसानों को सक्षम बनाना है, ताकि उनका जीवन स्तर ऊंचा उठ सके। अब गांवों में भी नवाचार होने लगा है।

विधानसभा में 3,000 करोड़ के विकास कार्य

- अभनपुर में नगर पालिका की मंजूरी।

- तीन आत्मानंद स्कूल,कन्या महाविद्यालय, तामासिवनी कालेज, आइटीआइ स्वीकृत

- टीला-हथखोज पुल, नवापारा फोरलेन, चंपारण धार्मिक पर्यटन क्षेत्र l

- पुरानी धमतरी रोड-खोरपा तक फोरलेन l

- ग्रामीण सड़कें, जल-जीवन मिशन, पुल-पुलिया,शेड, सामुदायिक भवन आदि।

पंचकोशी यात्रा ने बदल दिया समीकरण

विधायक प्रतिनिधियों का कहना है कि धनेंद्र साहू की पंचकोशी महादेव यात्रा ने उनका राजनीतिक समीकरण बदल दिया। छत्तीसगढ़ में यह यात्रा हजारों वर्ष प्राचीन बताई जाती है, लेकिन वर्ष 2008 से उन्होंने पंचकोशी यात्रा को वृहद स्तर पर शुरू किया, जिसमें महादेव के पांच विशेष मंदिर पटेश्वर महादेव, चंपेश्वर महादेव, बम्हेश्वर महादेव, फनेश्वर महादेव और गोपेश्वर महादेव से होते हुए यात्रा राजिम के ऐतिहासिक कुलेश्वर महादेव में समाप्त होती है। यह यात्रा उनके राजनीति जीवन के सफर में मील का पत्थर साबित हुई। सावन महीने में होने वाली इस यात्रा में गांव-गांव में लोग जुड़ते गए और सामाजिक-धार्मिक के गठजोड़ ने वोटबैंक को और मजबूत कर दिया।

परेशानी से मुक्ति चाहती है जनता: चंद्रशेखर साहू

अभनपुर के पूर्व विधायक चंद्रशेखर साहू ने कहा कि ग्रामीण विकास के कार्य रूके हुए हैं। जल-जीवन मिशन में गड्ढा खोदकर छोड़ दिया गया। अभनपुर के आस-पास ज्यादातर अधोसंरचना और बड़ी सड़कें भाजपा सरकार में बनी है या तो केंद्र प्रवर्तित योजनाओं का लाभ मिला है। क्षेत्र में पक्षपात की वजह से जनता अब परिवर्तन चाहती है। अभनपुर में पानी की समस्या के लिए छोटी तकनीकी खामियों को दूर नहीं किया जा सका, जबकि आरोप नगर पंचायत पर लगता है। सरकार में रहने के बाद भी यह स्थिति है। विकास की तस्वीर यहां धुंधली नजर आती है।

20 वर्षों की प्रतीक्षा के बाद भी अब तक नहीं मिला आवास

शनिचरी बाजार के पास ठेले पर व्यवसाय करने वाली सुशीला यादव की पीड़ा है कि 20 वर्ष अभनपुर में रहने के बाद भी उन्हें आवास नहीं मिल पाया है। अभी भी वे किराए के मकान में रहने को विवश हैं। वृद्धा पेंशन भी छह महीने से नहीं मिल रही है। यही पास में ही रेहड़ी-पटरी में दुकान लगाकर गुजारा करने वाली चांदनी खान के लिए साफ-सफाई का न होना बड़ी परेशानी है। उन्होंने कहा कि छोटी नालियों की सफाई हो जाती है, लेकिन बड़े नालों की गंदगी महीनों तक साफ नहीं होती। अभनपुर के नीलकमल गिलहरे का कहना है कि राज्य गठन के बाद अभनपुर विधानसभा क्षेत्र की तस्वीर बदली है। विकास दिखाई देता है।

Posted By: Vinita Sinha

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