रायपुर। Ramnavami 2023: पुरानी बस्ती स्थित जैतूसाव मठ में रामनवमी के अवसर पर भगवान श्रीराम को शुद्ध घी से बनाए गए मालपुआ का भोग 100 साल से अर्पित किया जा रहा है। दूर-दूर से हजारों श्रद्धालु मालपुआ का प्रसाद ग्रहण करने पहुंचते हैं। हर साल 11 क्विंटल से अधिक मालपुआ बनाया जाता है। भोग अर्पित करने के पश्चात मंदिर परिसर में ही बिठाकर मालपुआ खिलाया जाता है।
तीन दिनों में बनता है मालपुआ
जैतूसाव मठ के ट्रस्टी अजय तिवारी बताते हैं कि हजारों श्रद्धालुओं के लिए मालपुआ बनाने में तीन दिन से अधिक समय लगता है। कढ़ाई में मालपुआ तलने के बाद उसे गोमाता के चारे, पैरा के उपर रखकर सुखाया जाता है। कीड़े-मकोड़े और चींटिंया पास न फटके इसकी विशेष व्यवस्था की जाती है। शुरुआती दौर में मात्र 11 किलो का मालपुआ बनाया जाता था। भक्तों की संख्या बढ़ने के साथ ही प्रसाद की मात्रा भी बढ़ती चली गई। वर्तमान में 11 क्विंटल से अधिक का मालपुआ बनाया जा रहा है।
11 क्विंटल आटा-शक्कर, 40 पीपा तेल-घी
कोरोना काल में दो साल तक जैतूसाव मठ में सादगी से रामनवमीं पर्व मनाया गया था। इस साल नवरात्र में श्रद्धालुओं की उमड़ती भीड़ को देखते हुए 40 -50 हजार से अधिक श्रद्धालुओ के आने की उम्मीद है। मालपुआ बनाने के लिए सात क्विंटल गेहूं का आटा, पांच क्विंटल शक्कर, 25 पीपा तेल और 15 पीपा घी मंगवाया गया है।
काली मिर्च-सौंफ
मालपुआ में मीठा के साथ तीखा स्वाद लोगाें को भाता है, इसलिए सात-आठ किलो काली मिर्च और सौंफ मिलाकर मालपुआ तैयार किया जाता है। सभी सामग्री मिलाकर घोल बनाया जाता है। बड़े से तवे पर कटोरी से घोल को डालकर सेंका जाता है। सेंकने के बाद मालपुआ को पैरा (गाय का चारा) पर रखकर सुखाया जाता है। सूखने के बाद लकड़ी से जलने वाले चूल्हे पर तला जाता है।
30 को रामनवमीं
पिछले तीन दिनों से जैतूसाव मठ में मालपुआ बनाया जा रहा है। 30 मार्च को ठाकुर श्रीरामचंद्र स्वामी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। दोपहर 1 बजे भोग अर्पित कर महाआरती की जाएगी। शाम 5 बजे से प्रसाद वितरण किया जाएगा।
Posted By: Vinita Sinha
- # Raipur News
- # Chaitra navratri 2023
- # Ram Navami 2023
- # Ram Navami Special Malpua
- # Malpua Bhog
- # Jaitusav Math Raipur