रायपुर (राज्य ब्यूरो)। RERA News: छत्तीसगढ़ में सेवानिवृत्त हो चुके तीन से चार आइएएस, रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथारिटी (रेरा) अध्यक्ष बनने की दौड़ में शामिल हो गए हैं। इन्होंने आवास एवं पर्यावरण विभाग में आवेदन भी कर दिया है। इस महत्वपूर्ण पद के लिए मंत्री भी रुचि दिखा रहे हैं। कई मंत्रियों ने अपनी ओर से विभाग को पत्र लिखकर अपने लोगों के नामों की अनुशंसा की है। पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद अध्यक्ष पद से विवेक ढांड व सदस्य सेवानिवृत्त हो चुके हैं। अब नई नियुक्ति होनी है। इसके लिए सारा जोर लगाया जा रहा है।

विवेक ढांड के सेवानिवृत्ति के बाद नए अध्यक्ष पद पर नियुक्ति का इंतजार

आवास एवं पर्यावरण विभाग ने नए रेरा अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किया है। इधर रेरा के नए अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर क्रेडाई छत्तीसगढ़ की भी नजर टिकी हुई है। रेरा गठन के बाद अभी तक 1685 शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है। इसमें बड़े रियल एस्टेट घरानों के मामले से लेकर छोटी रियल एस्टेट कंपनियां, हाउसिंग बोर्ड के साथ आरडीए से भी आई शिकायतों को निपटाया गया है। छत्तीसगढ़ में नवंबर 2017 से रेरा लागू है। आवास एवं पर्यावरण विभाग के उप सचिव. सी. तिर्की के अनुसार, पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 10 फरवरी है।

रेरा अध्यक्ष के लिए यह है शर्त

आवास एवं पर्यावरण विभाग के अनुसार, शहरी विकास, आवासन, भू-संपदा विकास, अवसंरचना, अर्थव्यवस्था, योजना, विधि, वाणिज्य, लेखाकर्म, उद्योग, प्रबंधन, समाजसेवा, लोक कार्यों एवं प्रशासन में कम से कम 20 वर्ष और सदस्यों के लिए कम से कम 15 वर्षों का अनुभव हो।

रेरा अध्यक्ष का पद इसलिए महत्वपूर्ण

रेरा अध्यक्ष का पद इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि रियल एस्टेट सेक्टर में विवादों की सुनवाई रेरा के माध्यम से होती है। इसमें अध्यक्ष सर्वोपरि होते हैं। सदस्य सुनवाई में सहयोगी की भूमिका निभाते हैं। रेरा अध्यक्ष पद पर पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड की नियुक्ति के बाद कई बड़े मामले सुलझाए गए। इनमें कई विवादस्पद मामले भी थे। विशेषज्ञों का कहना है कि रियल एस्टेट सेक्टर में ग्राहकों और निवेशकों के लिए रेरा सशक्त माध्यम बन चुका है। रेरा के आने के बाद लोगों का विश्वास बढ़ा है। साथ ही रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता आई है।

अन्य नियम व शर्तें

1. सदस्य के लिए- जो व्यक्ति राज्य सरकार की सेवा में हैं या रहा है, तब तक उनकी नियुक्ति सदस्य के रूप में नहीं की जा सकती, जब तक ऐसे व्यक्ति ने राज्य सरकार में सचिव का पद या उसके समतुल्य राज्य अथवा केंद्र में कोई पद न धारण किया हो।

2. अध्यक्ष के लिए- जो व्यक्ति राज्य सरकार की सेवा में हैं या रहा है, तब तक उनकी नियुक्ति सदस्य के रूप में नहीं की जा सकती, जब तक ऐसे व्यक्ति ने राज्य सरकार में अपर सचिव का पद या उसके समतुल्य राज्य अथवा केंद्र में कोई पद न धारण किया हो।

Posted By: Ashish Kumar Gupta

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