रायपुर। Raipur News राजनांदगांव जिले के नवागांव में नल-जल योजना के तहत पाइपलाइन बिछाने के दौरान खोदाई में मिले चांदी के मुगलकालीन 65 सिक्कों को संरक्षण के लिए रायपुर के महंत घासीदास संग्रहालय लाया गया है। ये सिक्के एक मटके में रखे गए थे। पुरातत्व विभाग के अनुसार ये सिक्के 16वीं-17वीं शताब्दी के हैं। गौरतलब है कि तकरीबन 15 दिन पहले राजनांदगांव के ग्राम बाजार-नवागांव में नल जल योजना के तहत पाइपलाइन बिछाने के लिए चल रही खोदाई के दौरान 65 मुगलकालीन चांदी के सिक्के मिले थे। ये 1700 से 1800 ई. के मुगलकालीन शासक अहमद शाह बहादुर काल के बताए जा रहे हैं।
पुरातत्व विभाग के संचालक विवेक आचार्य के निर्देशन में उप संचालक एवं महंत घासीदास संग्रहालय के अध्यक्ष डा. प्रतापचंद्र पारख ने बताया कि पिछले दिनों मिले इन सिक्कों की जानकारी मिलते ही विभाग के विशेषज्ञों की टीम नवागांव पहुंची थी। सिक्कों को ग्रामीणों ने थाने में जमा कर दिया था। इन सिक्कों को यहां ला लिया गया है। उन्होंने बताया कि खोदाई के दौरान सिक्कों के साथ बाघ के नख के आकार की तीन अंगूठी और मिश्रित धातु के दो कड़े भी मिले हैं। चांदी के सिक्कों को देखने से प्रतीत होता है कि मुगलकालीन शासक अहमद शाह बहादुर के काल के हैं, जो कटक टकसाल में बने होंगे। सिक्कों पर अरबी, फारसी में शब्द अंकित हैं।
दरअसल, डोंगरगांव ब्लाक के ग्राम बरगांव चारभाठा में मुगल शासकों का उप कोषालय हुआ करता था। वहां उनकी जमींदारी भी थी। इसी से लगा खुज्जी गांव मुगलों की नागपुर रियासत की छावनी भी थी। यही कारण है कि आसपास के गांवों में पहले भी चांदी के सिक्के व अन्य जेवरात वगैरह मिलते रहे हैं। वर्ष 2010 में भी आसपास के गांव में इसी तरह के सिक्के मिले थे। मटकानुमा पात्र में चांदी के 65 सिक्के, दो अईंठी (हाथ में पहनने का कड़ा) व तीन अन्य आभूषण शामिल हैं। इसमें की लिखावट मुगलकालीन अरबी भाषा में लिखा होना बताया गया है। खुदाई मे मिले सिक्के व आभूषण को जब्त कर लिया गया था। जिसके बाद थाना प्रभारी भरत ने प्रमाणिकता कराने की बात कही थी।
Posted By: Vinita Sinha
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