आकाश शुक्ला। रायपुर। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) ने सभी इंजीनियरिंग कालेजों के लिए राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनबीए) ग्रेडिंग अनिवार्य कर दिया है। तकनीकी शिक्षा विभाग और कालेजों को भेजे गए पत्र में एआइसीटीई ने कहा है कि एनबीए ग्रेडिंग के लिए नए नियम बनाए गए हैं। इसके तहत दो वर्षों में सभी इंजीनियरिंग कालेजों को एनबीए ग्रेडिंग कराना होगा। नहीं कराने पर मान्यता नहीं दी जाएगी।
इंजीनियरिंग कालेजों के लिए समस्या यह है कि अब तक प्रदेश के एक भी शासकीय इंजीनियरिंग और पालीटेक्निक कालेज की एनबीए ग्रेडिंग नहीं हुई है। कुछ निजी इंजीनियरिंग कालेजों ने ही ग्रेडिंग कराई है। एआइसीटीई के पत्र के बाद सभी इंजीनियरिंग कालेजों के सामने गुणवत्ता के पैमाने पर खरा उतरने की चुनौती है। हाल ही में शासकीय इंजीनियरिंग कालेज रायपुर की चार, शासकीय इंजीनियरिंग कालेज बिलासपुर की तीन और शासकीय इंजीनियरिंग कालेज जगदलपुर की दो ब्रांचों की एनबीए ग्रेडिंग हुई है, जिसके परिणाम नहीं आए हैं। तकनीकी शिक्षा विभाग भी अब इंजीनियरिंग कालेजों की समीक्षा में जुट गया है।
स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम खुलने में यह समस्या
एआइसीटीई की नई गाइड लाइन के तहत एनबीए ग्रेडिंग नहीं होने पर इंजीनियरिंग कालेजों को स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम खोलने की अनुमति नहीं मिलेगी। शासकीय इंजीनियरिंग कालेज रायपुर स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू करने की तैयारी में है। लेकिन एनबीए न होने से मामला अटका पड़ा है। चार ब्रांचों में हुए मूल्यांकन के परिणाम से रास्ता साफ हो सकता है।
एनबीए के लिए इसलिए चुनौती
तकनीकी शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इंजीनियरिंग कालेजों में मानव संसाधन की भारी कमी है। शासकीय इंजीनियरिंग कालेजों की बात करें तो अंबिकापुर में 50 प्रतिशत, रायपुर में 48, जगदलपुर में 37, बिलासपुर इंजीनियरिंग कालेज में 31 प्रतिशत फैकल्टी है। वहीं शिक्षा, विजन, मिशन, प्रशिक्षण आदि के मापदंडों को पूरा करने की चुनौती है।
एनबीए को ऐसे समझें
राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड तकनीकी शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता तय करता है। यह प्रक्रिया एआइसीटीई कराती है। इसमें संस्थान के शिक्षा, विजन, मिशन, प्रशिक्षण समेत 10 बिंदुओं पर गुणवत्ता को परखा जाता है। कालेजों में यह ग्रेडिंग विभागवार होता है। इसमें 1000 में से 600 अंक यानी 60 प्रतिशत अंक पाना अनिवार्य है।
छग तकनीकी शिक्षा विभाग के संचालक अवनीश शरण ने कहा, सभी इंजीनियरिंग कालेजों को अनिवार्य रूप से एनबीए ग्रेडिंग कराने निर्देश दिए गए हैं। संस्थानों के प्राचार्यों की बैठक ले रहे हैं। गुणवत्ता के मापदंडों को पूरा करने को कहा गया है।
प्रदेश में तकनीकी शिक्षा संस्थान
संस्थान - शासकीय - निजी - कुल
इंजीनियरिंग कालेज - 03 - 31 - 34
पालीटेक्निक कालेज - 32 - 15 - 47
राज्य में इंजीनियरिंग की सीटें
11,514 सीटें इंजीनियरिंग की
8296 सीटें पालीटेक्निक की
Posted By: Ashish Kumar Gupta
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