संदीप तिवारी। रायपुर। छत्तीसगढ़ में सरकारी विमान के लिए कोई पायलट नहीं है इसलिए इस पर कोई वीआइपी उड़ान नहीं भर सकता है। हालांकि मेंटनेंस के लिए विमानन विभाग इसे हर महीने नागपुर तक उड़ान भरवा रहा है जिसपर वार्षिक एक करोड़ रुपये व्यय हो रहा है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि विमान का मासिक चेकअप आवश्यक है। ऐसा न किया गया तो नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) का लाइसेंस रद हो जाएगा।

पायलट की भर्ती की प्रक्रिया नियमों के फेर में उलझी

नियमानुसार सरकारी विमान में बिना सरकारी पायलट के वीआइपी नहीं उड़ सकते इसलिए निजी विमान की सेवाएं ली जा रही हैं जो बहुत महंगी है। इसके लिए प्रति घंटे पौने दो लाख रुपये चुकाना पड़ रहा है। राज्य के विमान के लिए पायलट की भर्ती की प्रक्रिया नियमों के फेर में उलझी है। डीजीसीए ने पायलट भर्ती के नियमों में परिवर्तन किया है।

नियमों में बदलाव की फाइल विमानन विभाग से सामान्य प्रशासन विभाग फिर राज्य कैबिनेट आदि कई जगह घूम रही है। सभी जगह से नए नियम पारित होने के बाद अधिसूचना जारी होगी तब भर्ती की प्रक्रिया प्रांरभ की जाएगी। इस बीच विमान पर राज्य का खजाना लुटता रहेगा। यह भी ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश में डीजीसीए के नियमों के अनुसार पायलट के अनुभव के नियम बदले जा चुके हैं।

तीन वर्ष में विमान और हेलीकाप्टर पर खर्च का यह है हिसाब

राज्य सरकार के विमान पर वर्तमान में कितना व्यय हो रहा है इसकी जानकारी देने के लिए अधिकारी तैयार नहीं हैं। विधानसभा में एक प्रश्न के उत्तर में दी गई जानकारी में बताया गया है कि कांग्रेस की सरकार में एक दिसंबर 2018 से 31 जनवरी 2021 के बीच बी-200 विमान और उस समय उपलब्ध रहे सरकारी अगस्ता ए-109 हेलीकाप्टर पर 14 करोड़ 65 लाख 15 हजार रुपये खर्च किए गए। हेलीकाप्टर मई 2022 में क्रेश हो गया परंतु हेलीकाप्टर के रखरखाव के लिए संविदा में नियुक्त कर्मचारियों पर अब भी हर महीने 30 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं।

हेलीकाप्टर क्रेश में मारे गए थे राज्य के पायलट

सरकारी विमान को उड़ाने के लिए राज्य सरकार पायलट की तलाश कर रही है। विमानन विभाग के संचालक नीलम नामदेव एक्का ने बताया कि

दो सीनियर, एक पायलट और दो जूनियर पायलट समेत पांच पायलटों की नियुक्ति की जानी है। छत्तीसगढ़ सरकार के पास एक विमान बी-200 है जबकि हेलीकाप्टर नहीं है। राज्य सरकार का हेलिकाप्टर अगस्ता मई 2022 में क्रैश हो गया था जिसमें राज्य के दोनों पायलट मारे गए थे। इसके बाद से पायलटों की भर्ती नहीं की जा सकी है।

यह हैं नए नियम

- विमान को उड़ाने के लिए पायलट के पास दो हजार घंटे तथा सीनियर पायलट के पास तीन हजार घंटे का अनुभव होना चाहिए

- मल्टी इंजन हेलीकाप्टर के लिए 500 घंटे की जगह अब 750 घंटे का पायलट इन कमांड का अनुभव अनिवार्य

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