रायपुर। राजधानीवासियों को महीनों तक चलने वाले धरने और इससे होने वाली ट्रैफिक जाम की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए तूता में धरनास्थल स्थानांतरित किया गया है, लेकिन वहां मूलभूत सुविधाएं नहीं है। बूढ़ातालाब के धरनास्थल स्थानांतरित करने का आदेश जारी कर दिया गया है। कोई भी संगठन अब किसी भी तरह का प्रदर्शन, धरना और आंदोलन तूता में ही कर सकेंगे। लेकिन न तो यहां बिजली की सुविधा है, न ही पानी की और न ही श्ाौच के लिए प्रसाधन की। ऐसे में आंदोलनकारियों के लिए बड़ी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

धूप से बचने के लिए शेड, लेकिन पानी का कनेक्शन ही नहीं

राजधानी से लगभग 20 किलोमीटर दूर गांव में बूढ़ातालाब से धरनास्थल को स्थानांतरित कर दिया गया है, जहां पर प्रदर्शन कर रहे लोगों के लिए किसी प्रकार की कोई सुविधा ही नहीं है। धूप और बरसात के पानी से बचने कि लिए टिन का शेड लगा है। इसके अलावा और कोई भी सुविधा नहीं देखने को मिली। महिला और पुरुष के लिए अलग-अलग शौचालय तो बना है, लेकिन उसमें दरवाजा ही नहीं है। अंदर न तो पानी है और न ही अंधेरा दूर करने के लिए रोशनी। वायरिंग का काम अब भी अधूरा है।

बिजली के लिए सोलर सिस्टम तो लगे, लेकिन कनेक्शन ही नहीं

रात में धरनास्थल में अंधेरे को दूर करने के लिए भरपूर लाइट की भी व्यवस्था नहीं हो पाई है। लाइट जलाने के लिए सोलर सिस्टम का उपयोग किया गया है, लेकिन उसका भी कनेक्शन अब तक नहीं हो पाया है। धरनास्थल के बाहर कुछ खाने के लिए न तो दुकान है और न ही होटल है।

छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय प्लेसमेंट कर्मचारी महासंघ छह तारीख को करेंगे प्रदर्शन

आदेश के मुताबिक नए धरनास्थल में अधिकतम एक हजार लोग धरने में शामिल हो सकते हैं। अपनी मांगों को लेकर बूढ़ातालाब धरनास्थल पर प्रदर्शन की अनुमति मांगने पर छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय प्लेसमेंट कर्मचारी महासंघ को जिला प्रशासन ने नवा रायपुर स्थित तूता में प्रदर्शन करने को कहा है। साथ ही धरने में अधिकतम एक हजार सदस्य शामिल करने की हिदायत भी दी है। किसी भी स्थिति में कार्यालय घेराव की अनुमति नहीं दी गई है। छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय प्लेसमेंट कर्मचारी महासंघ छह तारीख को अपनी मांगो को लेकर नए धरना स्थल तूता में धरना देंगे।

Posted By: Ashish Kumar Gupta

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