रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य में अनुकूल परिस्थितियों, संसाधनों की उपलब्धता आदि के परिणाम स्वरूप विद्युत उत्पादन में वृद्धि तो हुई है, लेकिन बहुत से पठारीय, सघन वन और नदी-पहाड़ बहुल दुर्गम इलाकों में अभी तक बिजली नहीं पहुंच पाई है। सरगुजा संभाग स्थित सूरजपुर जिले के आठ, बस्तर संभाग स्थित अबूझमाड़ के 235 समेत बस्तर के काफी नक्सल प्रभावित गांव हैं, जो बिजली की सुविधा से आज भी वंचित हैं।
देश के हर गांव में बिजली सुविधा पहुंचाने के बारे में पहली बार वर्ष 1970 में बात की गई थी। कुटीर ज्योति योजना के नाम से गांवों को रोशन करने का जो कार्य शुरू हुआ था, वह बदलते-बदलते दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के रूप में पूर्ण हुआ। इसके बाद सभी घरों में बिजली पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य योजना) शुरू की गई, लेकिन यह भी अभी तक राज्य के दूरदराज, दुर्गम स्थानों पर स्थित गांवों तक नहीं पहुंच पाई है।
आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए सभी क्षेत्रों के लिए लक्ष्य तय किए गए हैं। सरकार को इन गांवों से अंधेरा मिटाने का संकल्प लेना होगा। बिजली पहुंचने से अंधेरा तो छंटेगा ही, आर्थिक, शैक्षणिक, सामाजिक गतिविधियों को गति मिलेगी। रोशनी के लिए परंपरागत ईंधनों का प्रयोग रुकेगा, जिससे प्रदूषण में भी कमी आएगी। स्वास्थ्य सेवाओं, संचार के साधनों यथा टेलीविजन, मोबाइल, कंप्यूटर आदि की उपस्थिति से जीवन स्तर सुधरेगा। विशेष रूप से महिलाओं के विकास और सुरक्षा की दृष्टि से लाभदायक साबित होगा।
बिजली हर तरह से अमृत महोत्सव के लक्ष्यों को हासिल करने में सहायक ही सिद्ध होगी। राष्ट्रीय विद्युत नीति में सभी ग्रामीण क्षेत्रों को चौबीसों घंटे गुणवत्तापूर्ण बिजली की आपूर्ति का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए पहले घरों तक विद्युत कनेक्शन देना पड़ेगा। किसी गांव को विद्युतीकृत घोषित करने के लिए वितरण ट्रांसफार्मर और ट्रांसमिशन लाइनों की उपलब्धता, सार्वजनिक स्थलों पर बिजली की सुविधा और गांव के कम-से-कम 10 प्रतिशत परिवारों में बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करनी पड़ती है।
तकनीकी विकास के साथ बदलती हुई परिस्थितियों में खंभे और लंबे-लंबे बिजली के तारों के बिना भी रोशनी का सपना सच हो सकता है। सौर ऊर्जा, गोबर गैस से भी उजाला लाया जा सकता है। सरकार की भूमिका सिर्फ गांवों तक बिजली पहुंचा देने तक सीमित नहीं है, उसके बाद घरों तक अबाध बिजली आपूर्ति, बिजली पहुंचने से उत्पन्न अवसरों के लिए आधारभूत संरचनाओं का निर्माण आदि भी उनके कार्यों का ही विस्तार है।
अंधेरे के हर रूप और जीवन के प्रत्येक स्तर से अंधेरा मिटना चाहिए। अंधेरे में जी रहे लोगों के जीवन में बिजली के माध्यम से क्रांति का बीजारोपण होते ही ये अंध टापू प्रगति के नए ऊर्जा स्रोत बनेंगे। सकारात्मक और उत्साह से भरे प्रयास ही सफलता में परिणत होते हैं।
Posted By: Kadir Khan
- #Chhattisgarh News
- #Raipur News
- #Chhattisgarh
- #Raipur
- #News
- #Hindi News
- #News In Hindi
- #Today News
- #Latest News
- #समाचार
- #रायपुर समाचार
- #छत्तीसगढ़ समाचार
- #Raipur Local Editorial
- #Darkness
- #dispelled
- #Lightning
- #shines
- #every village
- #बिजली का उजियारा
- #हर गांव में छाए बिजली
- #Chhattisgarh edit
- #Chhattisgarh Local Editorial
- #Real Journalism
- #Beyond the News
- #Raipur Local Edit