रायपुर। जल जीवन मिशन सिर्फ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ही नहीं अपितु एक ईमानदार संकल्प है। प्रत्येक ग्रामीण के घर तक पाइप लाइन के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति की जानी है। कहना गलत नहीं होगा कि योजना के क्रियान्वयन में सरकारी संस्थाएं प्रतिबद्धता नहीं दिखा पा रही है। ग्रामीण क्षेत्र के प्रत्येक घर में नल के जरिए जल पहुंचाने के लिए तैयार की गई योजना पर काम नहीं हो पा रहा है। दुखद रूप से इस केंद्रीय योजना के क्रियान्वयन के मामले में शुस्र्आत से ही गंभीरता नहीं बरती गई।

यह भी कहा जा सकता है कि आरंभिक दिनों की शिथिलता का दुष्परिणाम हितग्राहियों को आजतक भुगतना पड़ रहा है। विभिन्न् कारणों से प्रदेश में जल जीवन मिशन की शुस्र्आत ही अच्छी नहीं रही। जिस रफ्तार से काम होना चाहिए है, धरातल पर वैसा कुछ नजर नहीं आ रहा है। कारण भी साफ है। निविदा जारी करने में ग्रामीण यांत्रिकी विभाग से जुड़े अधिकारियों द्वारा गड़बड़ी किए जाने की शिकायतें आ रही हैं।

योजना को पटरी पर आने देने में यह भी बड़ा बाधक रहा। बेपटरी योजना की स्थिति यह है कि अभी तक प्रदेश के कई जिलों में दोबारा निविदा की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। क्रियान्वयन के नजरिए से राष्ट्रीय मापदंड पर नजर डालें तो हम अब भी 30 राज्यों से पीछे चल रहे हैं। केंद्र सरकार ने इस महत्वाकांक्षी योजना को इस वर्ष के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। दूसरी तरफ प्रदेश के मात्र ग्रामीण इलाकों के 37.84 प्रतिशत घरों में पानी का कनेक्शन पहुंचाया गया है।

कनेक्शन बिछाने के बाद सबसे बड़ी जिम्मेदारी नल के जरिए सुबह शाम पेयजल की आपूर्ति करना भी है। स्थिति तो यह भी है कि कई क्षेत्रों में कनेक्शन के बाद भी अधिकांश घरों में जल की आपूर्ति ही नहीं हो पा रही है। नलों की टूटी सूखी है और लोग सुबह और शाम पानी आने का इंतजार कर रहे हैं। ग्रामीणों के घरों में अभी भी पानी नहीं पहुंच पा रहा है। केंद्र सरकार ने इन्हीं मुश्किलों को आसान बनाने के लिए वर्ष 2023 के बजट में 70 हजार करोड़ रुपये का प्रविधान किया है।

निश्चित रूप से हमारे हिस्से से भी एक बड़ी राशि आएगी। यह तब होगा जब हम योजना को रफ्तार देंगे। योजना जब पटरी पर आएगी तभी तो मांग के अनुरूप केंद्र का खजाना भी राज्य के लिए खुलेगा। बेपटरी योजना के सहारे केंद्रीय मदद की आस करना भी बेमानी ही साबित होगा। लोगों के घरों तक पानी पहुंचाने के लिए केंद्र की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीते वर्ष की तुलना में मौजूदा बजट में अधिक धनराशि दी है। जल जीवन मिशन योजना में राज्य सरकार के सामने क्रियान्वयन की बड़ी चुनौती है।

जिन घरों में पाइप लाइन बिछाई गई है वहां जल की निर्बाध आपूर्ति शुरू करने की आवश्यकता है। हमें देश के उन प्रमुख राज्य की सूची में अपनी जगह बनानी है जहां जल जीवन मिशन के तहत सौ फीसद घरों में नल का कनेक्शन जोड़ दिया गया है और दो समय ग्रामीणों को पेयजल की आपूर्ति की जा रही है।

केंद्र सरकार ने वर्ष 2019 में जब जल जीवन मिशन योजना की शुस्र्आत की थी। इसके पहले तक इस मद में मात्र 11 हजार 139 करोड़ रुपये का प्रविधान तय किया गया था। वर्ष 2023 के आम बजट में 70 हजार करोड़ रुपये का फंड रखा गया है।

Posted By: Pramod Sahu

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