रायपुर। Lockdown In Raipur: राजधानी रायपुर में इस वर्ष का पहला लाकडाउन शुक्रवार शाम से लगने वाला है। 10 दिनों के इस लॉकडाउन के पहले बाजार में ऐसी आफत टूटी, जिसे संभालने वाला कोई नहीं था। राजधानी के हर छोटे-बड़े बाजार, किराना दुकानों, सब्जी दुकानों में सुबह छह बजे से ऐसी भीड़ टूटी की दोपहर बाद 40 डिग्री पारा में शहर जाम हो गया। शाम के बादजय स्तंभचौक, मालवीय रोड, शारदा चौक, गोलबाजार, डूमरतराई, शास्त्री बाजार सहित गली मुहल्ले के छोटे-बड़े किराना दुकानों में अफरा-तफरी का माहौल रहा। इस बीच खाद्य सामग्रियों की कालाबाजारी भी जमकर हुई।
लॉकडाउन शुक्रवार की शाम छह बजे से 19 अप्रैल की सुबह छह बजे तक लगने वाला है। ऐसे में लॉकडाउन के पहले कोरोना से संक्रमित शहर के बाजारों में लोगों की आफत हो गई। प्रशासन लाकडाउन का फैसला तो लिया पर व्यवस्था गोल रही। प्रशासन की नाकामी और लोगों की लापरवाही ने कहीं न कहीं खतरे को बढ़ा दिया। जानकारों की मानें तो इस भीड़ से निकलकर घर पहुंचने वाले यदि सब्जी-भाजी के साथ संक्रमण लेकर गए तो उनकी आफत और हो जाएगी।
ये तब स्थिति है जब रायपुर के अस्पतालों में मरीजों के लिए बेड नहीं है। ऑक्सीजन की कमी पड़ने से कईयों की मौत हो रही है। यदि इस भीड़ के कारण संक्रमण बढ़ा तो इसके लिए आखिर जिम्मेदार कौन है? पहले क्रिकेट मैच और इसके बाद 48 घंटे पहले आए सरकारी फरमान ने राजधानी के लोगों को संक्रमण के बीच भीड़-भाड़ में घुसने के लिए मजबूर कर दिया।
कोई मां अपने बच्चे के लिए दवा, तो कोई गृहिणी एक सप्ताह के लिए आटा-दाल के प्रबंध में जुटी रही। इस बीच शहर की सड़कों पर घंटों जाम लगा रहा। बाजार में पहुंचने वाले लोगों के मुंह मांगे दाम वसूले गए। आलू, गोभी, टमाटर, भिंडी आदि सब्जियों के भाव अचानक दो गुने हो गए।
Posted By: Shashank.bajpai
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