रायपुर। Former Cm Raman Singh पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत की जांच कराने की मांग को लेकर प्रदेश कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार को कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल के नाम से ज्ञापन सौंपा है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ जांच करने के लिए राज्यपाल से अनुमति देने की मांग की है। बता दें कि राज्य सरकार पहले ही यह मामला आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) और एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) को सौंप चुकी है।
दरअसल, इस मामले में राजनांदगांव के निवासी नवाज अहमद खान ने शिकायत की है कि मुख्यमंत्री रहते हुए पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह और उनके परिवार के सदस्यों की आमदनी में अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी हुई है। इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने अनुमति के लिए प्रकरण राजभवन को भेजा है। डा. सिंह की संपत्ति को लेकर कांग्रेस नेता विनोद तिवारी ने पहले ही छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर कर रखी है, जिस पर सुनवाई होनी बाकी है। दायर याचिका में विनोद तिवारी ने भी आरोप लगाया है कि पूर्व मुख्यमंत्री डा. सिंह ने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए चुनाव आयोग में अपनी संपत्ति का ब्यौरा गलत पेश किया है। अब इसी मामले में नई शिकायत आने के बाद रमन सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती है।
कांग्रेस ने कहा- 1998 से पहले कर्ज में डूबे थे पूर्व मुख्यमंत्री
कांग्रेसी नेताओं ने अपने ज्ञापन में कहा कि वर्ष 1998 में कवर्धा से विधानसभा चुनाव में हारने के बाद डा. रमन सिंह कर्ज मे डूबे हुए थे। वर्ष 2003 में मुख्यमंत्री बनने तक भी वे एक मध्यमवर्गीय संयुक्त परिवार के सदस्य ही थे। वर्ष 2008 में प्रथम बार विधानसभा चुनाव के दौरान डा. रमन सिंह द्वारा प्रस्तुत जानकारी के अनुसार उनके पास मात्र एक करोड़ की कुल संपत्ति थी। जो वर्ष 2013 में बढ़कर पांच करोड़ और 2018 में 10.72 करोड़ रुपये हो गई। इसी तरह कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि रमन सिंह के पुत्र अभिषेक सिंह द्वारा वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान जानकारी दी गई कि उनकी कुल संपत्ति 4.41 करोड़ की है। पूरे राज्य कि जनता जानती है कि पिता-पुत्र द्वारा कोई ज्ञात व्यवसाय नही किया जाता है। उसके बाद भी उनकी संपत्ति में कई गुना बढ़त होना भ्रष्टाचार का प्रामाणिक उदाहरण है।
करोड़ों के रिसार्ट की जानकारी छिपाने का आरोप
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि अभिषेक सिंह द्वारा कभी यह जानकारी नहीं दी गई कि उनके नाम पर गढ़ मुक्तेश्वर (उत्तराखंड) में करोड़ों का रिसार्ट था। जिसे उन्होंने लोगों की आंख में धूल झोंकने के लिए 2014 के लोकसभा चुनाव के पहले अपनी पारिवारिक सदस्य के नाम पर ट्रांसफर कर दिया था। कांग्रेसी नेताओं ने आरोप लगाया कि यह संपत्ति भी संभवत: डा. रमन सिंह द्वारा ही क्रय की गयी थी, क्योंकि अभिषेक सिंह की आय का कोई ज्ञात जरिया नहीं था। कांग्रेस का आरोप है कि अभिषेक सिंह तीन कंपनियों के डायरेक्टर हैं, लेकिन प्रत्यक्षत: इन कंपनियों द्वारा कोई कारोबार नहीं किया गया है, बल्कि ये कंपनिया केवल अवैध राशि को वैध करने का माध्यम मात्र थी।
Posted By: Vinita Sinha