रायपुर (राज्य ब्यूरो)। राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप स्कूल शिक्षा विभाग के अफसर काम नहीं कर पा रहे हैं। हाल यह है कि रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (ग्रामीण औद्योगिक पार्क) से स्कूल शिक्षा विभाग को बच्चों के मध्याह्न भोजन के लिए खाने-पीने की चीजें खरीदनी है। इसके लिए प्रदेश के 43 हजार स्वसहायता समूह की मैपिंग करानी थी। इस आदेश का जिलों में पालन नहीं हो पा रहा है। नतीजा यह है कि मनमाने तरीके से खाद्य सामग्री की खरीदारी चल रही है।
राज्य सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए योजना बनाई है कि स्कूल, अस्पताल आदि जगहों पर खरीदे जाने वाले प्रमुख सामग्री गोठानों में बन रहे रूरल इंडस्ट्रियल पार्क से ही खरीदे जाएंगे। प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत प्राइमरी-मिडिल स्कूलों के 30 लाख बच्चों को इस साल गरम मध्याह्न भोजन दिया जा रहा है।
रूरल इंडस्ट्रियल पार्कों से दाल, तेल, मसाले, अचार, पापड़, सोयाबड़ी, हरी सब्जी खरीदनी थी। इधर, रायपुर और बिलासपुर में पहल संस्था के माध्यम से बच्चों को पका-पकाया भोजन परोसा जा रहा है, जबकि इस संस्था के साथ अनुबंध खत्म हो चुका है। नए सिरे से निविदा कर नया अनुबंध करने की बजाए अफसरों की मिलीभगत से इसी संस्था के जरिये भोजन परोसा जा रहा है।
मध्याह्न भोजन के लिए खाने-पीने की चीजें रूरल इंडस्ट्रियल पार्क से ही खरीदने के लिए निर्देश है, लेकिन कुछ जगहों पर अभी पार्क स्थापित नहीं हो पाया है।
- डा. आलोक शुक्ला, प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा
बिना अनुबंध के अगर कोई संस्था भोजन परोस रही है तो इसकी जांच कराई जाएगी। कार्रवाई भी की जाएगी।
- सुनील कुमार जैन, संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय
Posted By: Pramod Sahu
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