रायपुर। Raipur News राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने एक मरीज को आयुष्मान कार्ड योजना का लाभ न देकर चिकित्सा के नाम पर अस्पताल प्रबंधन द्वारा लिए गए 14 हजार सात सौ रूपये के साथ ही क्षतिपूर्ति के तौर पर तीन हजार रूपये और वाद व्यय दो हजार रूपये का भुगतान करने का आदेश दिया है। एक माह के भीतर पैसे का भुगतान नहीं करने पर अस्पताल प्रबंधन को परिवाद पेश करने की तिथि से नौ प्रतिशत ब्याज भी देने को कहा है।

मिली जानकारी के अनुसार रायगढ़ स्थित जेएमजे मार्निंग स्टार हास्पिटल में 18 अप्रैल 2019 को पीड़ित महिला ने इलाज कराने गई थी। जहां उसे यह आश्वासन देकर भर्ती कर लिया गया कि चिकित्सा व्यय आयुष्मान कार्ड से लिया जायेगा। लेकिन बाद में चिकित्सा और दवाइयाें के नाम पर उससे 16 हजार दो सौ रूपये नगद मांग की गई।इस दौरान अस्पताल प्रबंधन ने छूट देकर 14 हजार सात सौ रूपये का बिल दिया। पीड़िता ने झूठा आश्वासन देकर अस्पताल में भर्ती करने और बाद में पैसे मांगने की शिकायत सीएचएमओ रायगढ़ से भी की थी। उसके बाद जिला उपभोक्ता आयोग रायगढ़ में परिवाद पेश किया। आयोग में अस्पताल प्रबंधन द्वारा यह बताया गया कि बीमार महिला ने अस्पताल में एसी रूम लिया था, जिसका खर्च आयुष्मान कार्ड से देय नहीं है इसलिए उससे चिकित्सा व्यय के रूप में 14 हजार सात सौ रूपये लिया गया। आयोग ने अस्पताल प्रबंधन को सेवा में कमी का दोषी पाते हुए एक माह के भीतर चिकित्सा व्यय वापस करने के साथ ही मानसिक पीड़ा की क्षतिपूर्ति तीन हजार और वाद व्यय दो हजार रूपये का भुगतान करने का आदेश पारित किया।

अस्पताल प्रबंधन ने जिला उपभोक्ता आयोग के इस आदेश को राज्य उपभोक्ता आयोग के समक्ष चुनौती दी गई। इसकी सुनवाई के दौरान राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम चौरड़िया, सदस्य प्रमोद कुमार वर्मा की पीठ ने प्रकरण में पेश दस्तावेजाें में एक भी ऐसा बिल होना नहीं पाया जो एसी रूम के लिए जारी किया गया हो। अस्पताल प्रबंधन के अधिवक्ता से पूछे जाने पर भी वे एसी रूम का बिल दिखाने में असमर्थ रहे। सीएमएचओ रायगढ़ ने निदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी, आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना को भेजे गए जांच प्रतिवेदन में पीड़ित महिला के साथ पांच अन्य मरीजों के प्रकरण में भी आयुष्मान योजना के दिशा-निर्देशाें का पालन नहीं करने का दोषी पाया। इसके आधार पर राज्य उपभोक्ता आयोग ने अस्पताल प्रबंधन को आयुष्मान कार्ड का लाभ न पीड़ित महिला को न देते हुए 14 हजार सात सौ चिकित्सा व्यय लेकर सेवा में कमी का दोषी पाकर जिला उपभोक्ता आयोग के फैसले को यथावत रखा है

Posted By: Vinita Sinha

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