रायपुर। खाकी वर्दी का नाम सुनते ही बदमाशों के साथ ही आम लोग भी सिहर जाते हैं,लेकिन खाकी के पीछे कड़क और रौबदार तेवर के साथ मस्ती और मौज भी छुपी होती है।एेसा ही मस्ती भरा नजारा कबीरधाम जिले में दिखा।इस मस्ती भरे पल का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।दरअसल सामुदायिक पुलिसिंग के तहत एक ही दिन चार सौ गांवों में कबड्डी खेल प्रतियोगिता का आयोजन कर कबीरधाम पुलिस ने अपना नाम गोल्डन बुक आफ वल्रड रिकार्ड में दर्ज कराया है।
इसकी खुशी में देशभक्ति गीत जलवा,तेरा जलवा..जलवा पर पुलिस कप्तान लाल उमेद सिंह,एडिशनल एसपी मनीषा रावटे और दर्जनों पुलिस अधिकारी-कर्मचारी थिरकते नजर आए।सभी के बिंदास डांस का अंदाज इंटरनेट मीडिया पर छाए हुए है।लोग कह रहे है कि हर जिले की खाकीधारी का अंदाज बिंदास होना चाहिए। कप्तान का मानना है कि किसी काम में सफलता मिले तो अमले का मनोबल बढ़ाने का काम होना चाहिए।
झा-जूदेव की चर्चा पर छिड़ी चर्चा
सूबे में विधानसभा चुनाव की तैयारियों में अभी से प्रमुख राजनैतिक दल के अलावा तीसरे मोर्चा के रूप में स्थापित हो रहे आम आदमी पार्टी भी पूरे जोर-शोर से जुट गई है।पार्टी के प्रदेश संगठन प्रभारी व विधायक संजीव झा पिछले दिनों राज्य में चुनाव रणनिति बनाने पहुंचे और कहा कि छत्तीसगढ़ में भी दिल्ली और पंजाब के विकास माडल को लेकर चुनाव मैदान में उतरेंगे।
झा की इन बातों से कांग्रेस-भाजपा के रणनीतिकार चितिंत है और इसका तोड़ निकाल रहे है।इसी कड़ी में झा की जशपुर घराने के रणविजय सिंह जूदेव से कमरे में 40 मिनट की बातचीत के कई राजनैतिक मायने निकाले जा रहे है।जूदेव पूर्व राज्यसभा सदस्य और भाजपा नेता है।जशपुर समेत आसपास के जिलों में जूदेव परिवार का शुरू से दबदबा रहा है।लिहाजा अभी से यह चर्चा छिड़ गई है कि इस बार चुनाव में चौंकाने वाले परिणाम आ सकते है।
जेल में भी जलवा
मनी ला़ंड्रिंग और कोयला घोटाला मामले में ईडी की गिरफ्त में आकर जेल की सलाखों के पीछे पहुंचे आधा दर्जन से अधिक आरोपितों में से कुछ का जलवा जेल भी कायम है।कारोबारी जहां पैसे के दम पर खाने-पीने और मनचाही वस्तुएं बाहर से मंगवा रहे है वहीं जब मन किया तबियत खराब होने के बहाने आंबेडकर अस्पताल पहुंचकर वीआइपी जैसे ट्रीटमेंट हासिल कर लेते है।
एक कारोबारी ने तो हद ही कर दी।पिछले दो महीने के भीतर तीन से चार बार बीपी,सुगर के इलाज के बहाने चार-चार दिन तक अस्पताल के निजी कमरे लेकर आराम फरमाया।इस दौरान उसके स्वजनों,दोस्तों,रिश्तेदारों का मजमा भी बेरोक-टोक लगा रहा।दिखावे के तौर पर इस कारोबारी की देखरेख में जेल से दो प्रहरी भी तैनात किए गए थे,पर वे भी चंद पैसों के लिए कारोबारी की आवाभगत में जुटे रहे।इसे कहते है पैसे के दम पर कहीं पर भी हर तरह की सुविधा पाई जा सकती है।
कका को खुश करने शिविर
इस साल विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर जिलों के प्रशासनिक अधिकारी सालों से लंबित पड़े राजस्व प्रकरणों को निराकृत करने जिला मुख्यालय समेत तहसीलों में शिविर लगा रहे है।इन शिविरों में नामांतरण,बंटाकन,सीमांकन,ऋण और किसान पुस्तिका के कई एेसे भी मामले आए हैं, जिनका निराकरण एक दिन के भीतर पटवारी और आरआइ कर सकते थे लेकिन वेबजह एेसे प्रकरणों का लटकाकर रखा था।रायपुर में एेसे कुछ मामलों का मिनटों में निपटारा करके परेशान लोगों को राहत दी गई।
अब तहसीलों में शिविर लगाकर ग्रामीणों को राहत देने की कोशिश है।आम जनता का नब्ज टटोलने कका भी भेंट-मुलाकात के बहाने गांवों-कस्बों का दौरा कर रहे।इस दौरान शिकायत मिलने पर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई भी हो रही है। आम जनता के बीच चर्चा है कि कका को खुश करने शिविर लगाए जा रहे है।
Posted By: Pramod Sahu
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