मृगेंद्र पांडेय। रायपुर। छत्तीसगढ़ में सड़क दुर्घटना को कम करने के लिए राज्य स्तरीय नोडल एजेंसी सक्रियता से काम कर रही है। प्रदेश में दुर्घटना के कारणों की माइक्रो लेवल पर मानिटरिंग हो रही है। पुलिस मुख्यालय में इसके लिए विशेष सेल बनाया गया है। यह सेल हर जिले में सड़क दुर्घटना के आंकड़ों की अलग-अलग रिपोर्ट तैयार कर रहा है। रिपोर्ट रेंज आइजी और जिलों में एसपी को भेजी जा रही है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक जुनेजा ने बताया कि पुलिस मुख्यालय स्तर पर डेटा एनालिसिस हो रही है। इससे सड़क दुर्घटना में कमी दर्ज की गई है। सड़क सुरक्षा को लेकर डीजीपी अशोक जुनेजा ने विशेष बात की।
सवाल: दुर्घटना को रोकने के लिए ट्रैफिक पुलिस में क्या नवाचार किया जा रहा है।
जवाब: दुर्घटना रोकने के लिए सबसे पहले ट्रैफिक पुलिस जागरूकता अभियान चला रही है। युवाओं को ट्रैफिक नियमों की जानकारी दी जा रही है। जिलों में ब्लैक स्पाट, खराब सड़कों की पहचान की गई है, जिसे नोडल एजेंसी की रिपोर्ट के आधार पर सुधारा जा रहा है। सड़क दुर्घटना पर नियंत्रण के लिए ओवर लोडिंग, अत्याधिक गति, नशे की हालात और बिना हेलमेट के वाहन चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
सवाल: ट्रैफिक पुलिस के प्रशिक्षण की दिशा में क्या पहल की गई।
जवाब: ट्रैफिक पुलिस में पदस्थ पुलिसकर्मियों का समय-समय पर प्रशिक्षण हो रहा है। ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों का प्रशिक्षण पुलिस मुख्यालय स्तर पर किया जा रहा है। यहां मास्टर ट्रेनर तैयार किए जा रहे हैं, जो जिलों में प्रशिक्षण दे रहे हैं।
सवाल: सड़क दुर्घटना को रोकने के लिए कौन-कौन से सुधार की जरूरत है।
जवाब: सड़क दुर्घटना को रोकने के लिए कई स्तर पर प्रयास करने की जरूरत है। दुर्घटना में घायलों की मदद के लिए हाईवे पेट्रोलिंग शुरू की गई है। इससे घायलों को तत्काल मदद उपलब्ध कराई जा रही है। पुलिस घायलों को नजदीक के ट्रामा सेंटर तक पहुंचाने की दिशा में निरंतर प्रयास कर रही है। पुलिस की तरफ से उन नागरिकों का भी सम्मान किया जा रहा है, जो घायलों की जानकारी भेज रहे हैं।
सवाल: ट्रैफिक पुलिस ने उपकरण और अन्य सामग्री के लिए मांग की थी, लेकिन फंड की कमी के कारण पूरा नहीं हो पाया। वह कब तक पूरा होने की उम्मीद है।
जवाब: ट्रैफिक पुलिस में जिलों से अलग-अलग मांग आई है। इसमें कुछ उपकरणों के लिए बजट में प्रविधान है, जिसकी खरीदी हो रही है। कई टेंडर किए गए हैं। कुछ उपकरण की खरीदी सड़क सुरक्षा निधि से की जा रही है। जल्द ही कमियों को पूरा कर लिया जाएगा।
Posted By: Ashish Kumar Gupta
- Font Size
- Close