रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। भगवान ने हमें इतना सुंदर मानव शरीर दिया है तो समय निकालकर भगवान की भक्ति जरूर करनी चाहिए। परिवार के साथ रहते हुए भी प्रत्येक जीव भक्ति कर सकता है। उक्त विचार मारुति मंगलम में श्रीमद्भागवत कथा में मथुरा से पधारे आचार्य विष्णु प्रसाद दीक्षित ने व्यक्त किए।

श्रीमद्भागवत प्रचार कथा समिति और हनुमान मंदिर ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित भागवत कथा में आचार्य ने कहा कि भगवान की भक्ति के लिए हमें समय निकालना चाहिए, क्योंकि भगवान की भक्ति केवल मनुष्य ही कर सकता है। 84 लाख जीव-जंतु भगवान की सेवा, पूजा-अर्चना और आराधना नहीं कर सकते। सिर्फ मनुष्य कर सकता है, लेकिन वह संसार के मोह माया में ही भटकते रहता है।

भक्तों को न सताएं

कथा में बताया कि भरत नाम के राजा जो बाद में जड़ भरत के नाम से प्रसिद्ध हुए वह भगवान की भक्ति में खोए रहते थे। राजा की बलि देने के लिए असुर एक गुफा में ले गए तभी देवी मां प्रकट हुईं और असुरों का संहार कर राजा की रक्षा की। जो भक्त भगवान की भक्ति में करते हैं, उनकी रक्षा विष्णु भगवान करते हैं। भक्त प्रहलाद की कथा में बताया कि भक्तों को कभी सताना नहीं चाहिए।

Posted By: Ashish Kumar Gupta

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