रायपुर। Raipur News नगर निगम में करोड़ों रुपए के यूनिपोल घोटाले की जांच के बीच नगर निवेशक बीआर अग्रवाल और सहायक अभियंता आभास मिश्रा का तबादला कर दिया गया। अग्रवाल समेत अन्य अफसर घोटाले में जांच के घेरे में है। चौंकाने वाली बात यह है कि कार्यपालन अभियंता व नगर निवेशक बीआर अग्रवाल को यूनिपोल घोटाले के लिए महापौर की अध्यक्षता में गठित जांच कमेटी में बतौर सदस्य बनाया गया था। इससे पहले जांच कमेटी की रिपोर्ट सामने आ पाता घोटाले के दायरे में आए अग्रवाल समेत अन्य अफसरों पर शासन ने कार्रवाई करते हुए निगम से हटा दिया।
बता दें कि अग्रवाल पिछले 20 वर्षों से रायपुर नगर निगम में प्रतिनियुक्ति पर काम करते आ थे। वे पिछले पांच सालों से नगर निवेशक के पद पर पदस्थ थे। उन्हीं के कार्यकाल में यूनिपोल एजेंसियों को लाभ पहुंचाने टेंडर शर्तों में बदलाव का मामला सामने आया। यूनिपोल ठेका अवधि बढ़ाने, यूनिपोल की साइज बढ़ाने को लेकर करीब 50 करोड़ का भ्रष्टाचार होने की संभावना खुद महापौर ने जताई है। इस घोटाले की महापौर की अध्यक्षता में गठित जांच कमेटी जांच कर रही है।
यूनिपोल घोटाले को लेकर नगर निगम में सियासत गरमाया हुआ है। विपक्ष ने महापौर को घेरे में लेते हुए तत्काल जिम्मेदारों पर एफआइआर दर्ज कराने की मांग की है। यूनिपोल घोटाले की जांच के बीच अपर आयुक्त सुनील चंद्रवंशी समेत नगर निवेशक विभाग के दो इंजीनियरों के तबादले ने कई सवालों को जन्म दिया है। हालांकि निगम के जनप्रतिनिधियों को कहना है कि तबादले से जांच पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, चूंकि यह मामला काफी चर्चित होने के कारण शायद शासन ने खुद ही संज्ञान में लिया है। इसलिए दोनों इंजीनियरों को निगम से हटाया गया है।जरूरत पड़ने पर जांच कमेटी उन्हें बुलाकर पूछताछ भी करेंगी, क्योंकि पूरे मामले की रिपोर्ट तैयार करने में अभी वक्त लगेगा।
टेंडर शर्तों में बदलाव कर किया घोटाला
सूत्रों ने बताया कि कार्यपालन अभियंता बीआर अग्रवाल पिछले पांच सालों से नगर निवेशक के पद पर पदस्थ थे।उन्हीं के कार्यकाल में यूनिपोल एजेंसियों को लाभ पहुंचाने के लिए टेंडर शर्तों में बदलाव का मामला सामने आया।महापौर ढेबर ने यूनिपोल ठेका अवधि बढ़ाने, यूनिपोल की साइज बढ़ाने को लेकर करोड़ों का भ्रष्टाचार अधिकारियों द्वारा करने का मामला सार्वजनिक करने के साथ जांच कमेटी बनाकर पूरे मामले की जांच शुरू की है। जांच कमेटी में दो अपर आयुक्तों सहित नगर निवेशक विभाग के अध्यक्ष श्रीकुमार मेनन, नगर निवेशक बीआर अग्रवाल सदस्य के रूप में शामिल किया गया। जांच कमेटी की दो बार बैठक भी हो चुकी है, इसके बाद नगर निवेशक अग्रवाल का तबादला आदेश जारी हुआ है। वहीं सहायक अभियंता आभास मिश्रा को नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग संचालनालय में भेजा गया है। दोनों अधिकारी जांच के घेरे में थे।
कंपनी को फायदा पहुंचाने का आरोप
नगर निगम में करीब 50 करोड़ का यूनिपोल घोटाला हुआ है। अफसरों पर यूनिपोल लगाने वाली कंपनी को फायदा पहुंचाने का आरोप है। जांच कमेटी कई बिंदुओं पर घोटाले की जांच कर रही है। कमेटी ने निगम के अफसरों से 17 बिंदुओं पर जवाब मांगा तो अस्पष्ट जवाब मिला। उनके जवाब को काउंटर चेक कर अंतिम रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
Posted By: Vinita Sinha
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