रायपुर। नगर निगम की टीम रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की जांच करने के लिए अब घर-घर दस्तक देगी। खासकर बड़े भवनों और घरों में सिस्टम नहीं लगे होने पर सात दिनों के भीतर लगाने की हिदायत दी जाएगी और नहीं लगाने पर नियमानुसार कार्रवाई के साथ जुर्माना किया जाएगा।
इस संबंध में निगम के एमआइसी सदस्य श्रीकुमार मेनन ने अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने लगातार गिरते भू-जलस्तर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की चिंता पर संज्ञान लेते हुए कहा कि बरसाती जल को सहेजकर रखना जरूरी है, अन्यथा आने वाले समय में गंभीर जल संकट का सामना करना पड़ेगा। भवनों और घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य है, किंतु कई लोग नहीं लगवा रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि अब घर-घर दस्तक देकर जांच करें। इधर, महापौर एजाज ढेबर के पूर्व के निर्देश पर निगम की टीमों ने सरकारी भवनों की जांच भी शुरू कर दी है।
रायपुर में दम तोड़ रहा सिस्टम
राजधानी रायपुर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम दम तोड़ रहा है। लगभग 15 लाख की आबादी वाले शहर में साढ़े तीन लाख से अधिक मकान हैं, लेकिन अधिकांश मकानों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं है। सख्ती नहीं होने के कारण बड़े-छोटे भवनों से भी सिस्टम गायब है। निगम से हर साल एक से डेढ़ हजार लोग नक्शा पास करवाते हैं। रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की शर्त पर नक्शा पास होता हैं और इसके लिए सुरक्षा निधि भी जमा कराई जाती है।
सिस्टम लगाने का प्रमाण-पत्र पेश करने के बाद निगम द्वारा वह राशि वापस कर दी जाती है। बीते पांच सालों में करीब आठ हजार लोगों ने सुरक्षा निधि के रूप में साढ़े सात करोड़ रुपये जमा किए, लेकिन सिर्फ चार हजार लोगों ने ही वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाया। बाकी भवन, मकान मालिक न पैसा वापस लेने पहुंचे और न ही निगम ने इसकी जांच की। अब ऐसे लोगों पर सख्ती से कार्रवाई करने की तैयारी है।
इन इलाकों में नहीं लगा है सिस्टम
निगम के नियम के मुताबिक 1,600 स्क्वायर फीट के ऊपर मकान में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य है।शहर में गायत्रीनगर, प्रोफेसर कालोनी, गुढ़ियारी, श्रीनगर, डीडीनगर, शिवानंदनगर, डंगनिया, तेलीबांधा, टिकरापारा, संतोषीनगर आदि ऐसे मुहल्ले हैं, जहां के ज्यादातर मकानों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं है।
रायपुर नगर निगम के नगर निवेशक बीआर अग्रवाल ने कहा, अनिवार्यता के बावजूद बीते पांच सालों में नक्शा पास कराने वाले लगभग चार हजार लोगों ने सिस्टम लगवाने का प्रमाण-पत्र पेश नहीं किया है। सभी जोन के अधिकारियों को घर-घर जाकर सिस्टम की जांच करने को कहा गया है।
Posted By: Ashish Kumar Gupta
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