राजनांदगांव। शहर के तालाब देखरेख के अभाव में दम तोड़ते नजर आ रहे हैं। तालाबों में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। एक ओर सरकार व प्रशासन जल संरक्षण व पानी के स्त्रातों को बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, जागरुकता अभियान भी चला रही है। इसके बाद भी तालाबों की स्थिति काफी खराब है। देखरेख के अभाव में तालाबों में गंदगी है। पानी खराब हो चुका है। इसके बाद भी निगम प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। शहर में 10 से अधिक बड़े व छोटे तालाब हैं। एक दो तालाबों को छोड़कर अन्य तालाबों की स्थिति काफी खराब है। भरकापारा स्थित तालाब प्लास्टिक पालीथीन, पानी पाउच, डिस्पोजल से अटा पड़ा है। वहीं तालाब सूखने के कारण खरपतवार उग आए हैं। भरकापारा तालाब सुंदरीकरण के लिए लाखों रुपये खर्च हो चुके हैं। इसके बाद भी स्थिति जस की तस है।
तालाबों में नहीं होगा जलसंचयनः बसंतपुर, मोतीपुर काई तालाब, शंकरपुर, चिखली, लखोली, कन्हारपुर में तालाबों की स्थिति काफी खराब है। आसपास के लोग घर से निकलने कचरों को तालाब में फेंक रहे हैं। जिसके चलते तालाब का पानी गंदा हो रहा है। मोतीपुर स्थित काई तालाब का पानी ही पूरी तरह से बदल गया है। जिसके चलते लोगों निस्तारी करने से भी कतरा रहे हैें। तालाब जलकंुभी से अटा पड़ा हुआ है। तालाब किनारे गंदगी का आलम है। जिसके चलते बरसात में जल का संचयन नहीं हो पाएगा। निगम के जिम्मेदार भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।
शहर के तालाबों में गंदगी पसरी हुई है। तालाबों की ऐसी हालत पर जनप्रतिनिधि भी ध्यान नहीं देते। जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारी हर वर्ष तालाबों में बेहतर जल संचयन को लेकर मंथन करते हैं। लेकिन नतीजा शून्य रहता है। शहर के तालाब पानी पाउस व डिस्पोजल से अटा पड़ा हुआ है। तालाबों का पानी भी गंदा हो चुका है। मोतीपुर काई तालाब के पानी से बदबू आती है। अधिकारी तालाबों को स्वच्छ रखने का वादा करते हैं। लेकिन स्वच्छता को लेकर संजीदा नहीं हैं।
Posted By: Nai Dunia News Network
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