राजनांदगांव। 25 मई 2013, कांग्रेस पार्टी के लिए यह वो काला दिन है, जब बस्तर की झीरम घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस के पहले पंक्ति के नेताओं को मौत के घाट उतार दिया था। मारे गए कांग्रेसी नेताओं में राजनांदगांव के तीन बार विधायक रह चुके दिग्गज नेता उदय मुदलियार भी थे। उनके साथ कांग्रेस नेता अलानूर भिंडसरा भी माओवादियों के गोली का शिकार हुए थे। दोनों नेताओं का परिवार आज भी न्याय की उम्मींद में है। बुधवार को झीरम घाटी हमले की 9वीं बरसी है। नौ साल बाद भी झीरम घटना की जांच पूरी नहीं होने की वजह से मारे गए कांग्रेस नेताओं के परिवार और कांग्रेसियों में घटना की यादें आज भी जिंदा है। स्व. उदय मुदलियार के पुत्र जितेंद्र मुदलियार ने दो साल पहले दरभा थाना में पिता की मौत को षड़यंत्र बताते हुए अपराध तक दर्ज कराया, लेकिन इसकी जांच भी पूरी नहीं हो सकी है। झीरम हमले के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. विद्याचरण शुक्ल के साथ रहे कांग्रेस नेता निखिल द्विवेदी ने भी जांच की मांग को लेकर आवेदन किया है।
झीरम हमला विरोधियों की बड़ी साजिश : राजनांदगांव के तीन बार विधायक रहे स्व. उदय मुदलियार के पुत्र जितेंद्र मुदलियार ने झीरम हमले को विरोधियों की साजिश बताया है। उन्होंने कहा कि षड़यंत्र पूर्वक झीरम हमला किया गया है। इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए। मैंने हाइकोर्ट में भी याचिका लगाई थी, जिसमें हाइकोर्ट ने भी जांच कराने का आदेश जारी कर पीड़ित परिवार को राहत दी है। लेकिन अब तक इसकी जांच पूरी नहीं हो पायी है। एनआइए जांच पूरी होने की जानकारी तो दे रही है, लेकिन अब तक शासन को जांच रिपोर्ट नहीं सौंपी है। सरकार ने भी एसआइटी को जांच करने कहा है, पर एनआइए द्वारा एसआइटी को जांच रिपोर्ट नहीं सौंप रहा है। इस चक्कर में पीड़ित परिवारों को न्याय नहीं मिल पाया है। कांग्रेस सरकार जांच के लिए हर कदम उठा रही है।
राजनीति में आगे आए जीतू : स्व. मुदलियार के पुत्र जितेंद्र मुदलियार अपने पिता के साथ ही राजनीति में रहे। झीरम हमले में पूर्व विधायक उदय मुदलियार की मौत के बाद जितेंद्र मुदलियार प्रदेश स्तर पर राजनीति में आगे गए। प्रदेश कांग्रेस के महासचिव की जिम्मेदारी के बाद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद सरकार ने उन्हें छग युवा आयोग का अध्यक्ष बनाया है। इसके अलावा जितेंद्र अपने पुराने व्यवसाय में भी लगे हुए हैं। वहीं हमले के दौरान स्व. उदय मुदलियार के साथ रहे कांग्रेस नेता स्व. अलानूर के एक पुत्र को चतुर्थ श्रेणी के पद पर शासकीय नौकरी दी गई है। वहीं दूसरा पुत्र शाहीद कांग्रेस नेता जितेंद्र मुदलियार के साथ राजनीति व उनके व्यवसाय में काम कर रहा है। बताया गया कि परिवार के लोग केवल झीरम हमले की न्यायिक जांच पूरी होने की उम्मीद में है।
Posted By: Nai Dunia News Network
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