
नईदुनिया न्यूज, सुकमा: सुकमा और आंध्र प्रदेश पुलिस के सामने 25 लाख के इनामी माओवादी जयलाल और उसकी पत्नी 8 लाख की इनामी भीमे ने आत्मसमर्पण कर दिया। दोनों कई बड़े नक्सली हमलों में शामिल रहे थे। जिले की सबसे बड़ी नक्सली वारदातों ताड़मेटला (जिसमें CRPF के 76 जवान शहीद हुए थे) और झीरम घाटी हमला (जिसमें कांग्रेस के कई शीर्ष नेता मारे गए) में शामिल 25 लाख के इनामी माओवादी जयलाल और संगठन के लिए सबसे अधिक लेवी वसूलने वाली 8 लाख की इनामी भीमे ने आत्मसमर्पण कर दिया है। दोनों ने आंध्र प्रदेश और सुकमा पुलिस के सामने हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया।
रविवार को सीमावर्ती आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू जिला मुख्यालय में दरभा डिवीजन इंचार्ज जयलाल उर्फ दिरदो विज्जा और उसकी पत्नी, मलंगेर एरिया कमेटी इंचार्ज माड़वी गंगी उर्फ भीमे ने एसपी अमित बरदार और एएसपी (नक्सल) सुकमा रोहित शाह के समक्ष आत्मसमर्पण किया।
अधिकारियों ने बताया कि सुकमा में लगातार चल रहे एंटी-नक्सल ऑपरेशन और नए कैंपों की स्थापना से संगठन पर दबाव बढ़ा है, जिसके चलते दोनों के पास पुनर्वास ही एकमात्र विकल्प बचा था। पुलिस ने कहा कि दोनों को सरकार की पुनर्वास नीति का पूरा लाभ दिया जाएगा और अन्य माओवादियों से भी हिंसा का रास्ता छोड़कर विकास में भागीदारी की अपील की गई है।
जयलाल पिछले 40 वर्षों से माओवादी संगठन से जुड़ा हुआ था। उसने 1994 में बाल संगम के रूप में नक्सल संगठन में प्रवेश किया। इसके बाद वह सीएनएम सदस्य, एलओएस कमांडर, सेक्शन कमांडर, मिलिट्री कमांडर और अंत में एसजेडसीएम पद पर सक्रिय रहा।
वह 2010 के ताड़मेटला हमले, 2013 के झीरम कांड, 2020 मिनपा घटना (17 जवान शहीद), 2021 टेकलगुड़म (22 जवान शहीद) और 2024 में धर्मापेंटा व टेकलगुड़ा कैंप पर हुए हमलों का मुख्य सहभागी रहा।
उसकी पत्नी भीमे 20 साल से संगठन में सक्रिय थी। वह टेकलगुड़ा घटना में शामिल रही और जिला मुख्यालय के आसपास ठेकेदारों, व्यापारियों और नेताओं से लेवी वसूली का काम संभालती थी। केरलापाल, बड़ेशेट्टी और नीलावरम क्षेत्र में उसका खासा दबदबा था।