
डिजिटल डेस्क। दिल्ली लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए धमाके की जांच अब फरीदाबाद तक पहुंच गई है। इस मामले में दिल्ली और हरियाणा पुलिस ने फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी (Al-Falah University) में छापा मारा है।
बताया जा रहा है कि ब्लास्ट का मास्टरमाइंड उमर मोहम्मद इसी यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर था। अब तक पुलिस इस यूनिवर्सिटी से जुड़े करीब 50 से ज्यादा छात्रों और शिक्षकों से पूछताछ कर चुकी है।
खबरों के अनुसार, इस यूनिवर्सिटी में करीब 40 फीसदी डॉक्टर कश्मीर से हैं। ऐसे में लोग जानना चाहते हैं कि आखिर अल-फलाह यूनिवर्सिटी है क्या, इसकी शुरुआत कब हुई और यहां कौन-कौन से कोर्स संचालित किए जाते हैं।
‘अल-फलाह’ अरबी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ होता है सफलता, मुक्ति या मोक्ष। इस्लामिक परंपरा में इसका प्रयोग उस व्यक्ति के लिए किया जाता है जो अल्लाह के बताए रास्ते पर चलकर मुक्ति प्राप्त करता है।
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यूनिवर्सिटी की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, अल-फलाह यूनिवर्सिटी की स्थापना हरियाणा विधानसभा द्वारा पारित हरियाणा निजी विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत की गई थी। इसे साल 2015 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) से मान्यता प्राप्त हुई।
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अल-फलाह यूनिवर्सिटी के कैंपस में तीन प्रमुख कॉलेज संचालित हैं-
1. अल-फलाह स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी
2. ब्राउन हिल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी
3. अल-फलाह स्कूल ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग
कैंपस में 650 बेड वाला एक अस्पताल भी मौजूद है, जहां डॉक्टर फ्री या कम शुल्क पर इलाज और जांच सेवाएं प्रदान करते हैं।
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अल-फलाह यूनिवर्सिटी में डिप्लोमा से लेकर डॉक्टरेट स्तर तक के कोर्स संचालित किए जाते हैं।
डिप्लोमा कोर्स (3 वर्ष)- ऑपरेशन थिएटर टेक्नोलॉजी, डीएमएलटी, सिविल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग आदि।
ग्रेजुएट कोर्स (4 वर्ष)- पैरामेडिकल, बीटेक, बीएड, बीएससी, बीकॉम, बीसीए आदि।
पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स (2 वर्ष)- एमटेक, एमएड जैसे प्रमुख कोर्स।
डॉक्टरेट कोर्स (ढाई वर्ष)- विभिन्न विषयों में शोध और पीएचडी की सुविधा।

दिल्ली ब्लास्ट के सिलसिले में इस यूनिवर्सिटी का नाम सामने आने के बाद से यह संस्था चर्चा में है। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या यहां से किसी तरह का आतंकी नेटवर्क या सपोर्ट सिस्टम संचालित हो रहा था। फिलहाल जांच जारी है और अधिकारियों की ओर से आधिकारिक बयान का इंतजार है।