
डिजिटल डेस्क। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन ने शुक्रवार को अपना साझा घोषणा पत्र जारी कर राजनीतिक माहौल को गरमा दिया। इस घोषणा पत्र का नाम रखा गया है ‘बिहार का तेजस्वी प्रण’, जिसमें रोजगार, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, किसान कल्याण और सामाजिक सुरक्षा पर जोर दिया गया है। महागठबंधन का दावा है कि यह केवल चुनावी वादों का दस्तावेज नहीं, बल्कि बिहार के पुनर्निर्माण की रूपरेखा है।
इंडिया गठबंधन ने वादा किया है कि सत्ता में आने के 20 दिन के भीतर हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का अधिनियम लाया जाएगा। 20 महीनों के भीतर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की बात कही गई है।
महिलाओं को ₹2,500 प्रतिमाह की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई है, जो 1 दिसंबर से लागू होगी। पांच वर्षों में यह राशि ₹30,000 सालाना तक पहुंच जाएगी। इसके साथ ही बेटियों के लिए ‘BETI’ योजना और माताओं के लिए ‘MAI’ योजना शुरू की जाएगी।
राज्य के सभी संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को स्थायी करने का वादा किया गया है। जीविका दीदियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा और ₹30,000 मासिक वेतन देने का प्रावधान भी किया गया है।
महागठबंधन ने स्पष्ट किया कि सत्ता में आते ही राज्य में पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू किया जाएगा।
हर परिवार को 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त देने का वादा किया गया है। इसके साथ ही वृद्धजन, विधवा और दिव्यांगों के लिए ₹1,500 से ₹3,000 मासिक पेंशन की घोषणा की गई है।
प्रत्येक अनुमंडल में महिला कॉलेज और 136 प्रखंडों में नए डिग्री कॉलेज खोलने का ऐलान किया गया। प्रतियोगी परीक्षाओं के फॉर्म शुल्क समाप्त करने और छात्रों को परीक्षा केंद्र तक मुफ्त यात्रा सुविधा देने का वादा भी शामिल है।
सभी फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद की गारंटी दी जाएगी। बंद पड़ी मंडियों को फिर से सक्रिय करने की योजना भी प्रस्तुत की गई है।
राज्य के हर व्यक्ति को ₹25 लाख तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा देने का वादा किया गया है। जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को सुपर स्पेशलिटी सुविधाओं से लैस किया जाएगा।
मनरेगा के तहत मज़दूरी ₹255 से बढ़ाकर ₹300 की जाएगी और काम के दिनों की संख्या 100 से बढ़ाकर 200 की जाएगी। साथ ही, OBC और SC/ST वर्गों के आरक्षण को बढ़ाने और इसे संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने की बात कही गई है।
घोषणा पत्र में अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ Zero Tolerance Policy अपनाने का वादा किया गया है। पुलिस अधिकारियों के लिए निश्चित कार्यकाल तय करने का भी प्रस्ताव है।
वक्फ संशोधन विधेयक पर रोक लगाने और वक्फ संपत्तियों के पारदर्शी प्रबंधन का वादा किया गया है। साथ ही, बौद्ध गया के बौद्ध मंदिरों का प्रबंधन बौद्ध समुदाय को सौंपने की घोषणा की गई है।
घोषणापत्र जारी करने के दौरान मंच पर राजद नेता तेजस्वी यादव, कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा, मुकेश सहनी और वाम दलों के नेता मौजूद रहे। तेजस्वी यादव ने इस मौके पर कहा कि यह सिर्फ हमारा घोषणापत्र नहीं, बिहार की जनता का प्रण है। हम इस राज्य को बेरोजगारी, पलायन और भ्रष्टाचार से मुक्त करने का संकल्प लेकर चले हैं।