
डिजिटल डेस्क: बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 की नज़दीकी के साथ राजनीतिक तापमान बढ़ता जा रहा है और अब मुख्यमन्त्री पद के चेहरे को लेकर सार्वजनिक बहस तेज हो गई है। महागठबंधन ने स्पष्ट कर दिया है कि उसका मुख्यमंत्री चेहरा तेजस्वी यादव हैं, जबकि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की ओर से यह घोषणा पहले ही की जा चुकी है। दूसरी ओर एनडीए की तरफ से अभी तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं आई थी, लेकिन पार्टी के सूत्रधारों में विश्वास जताया जा रहा है कि अंततः वही चेहरा सामने आएगा जिसे पार्टी विधायकों का समर्थन प्राप्त होगा।
28 अक्टूबर को पटना में पत्रकारों से बात करते हुए लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने साफ शब्दों में कहा कि एनडीए का मुख्यमंत्री चेहरा नीतीश कुमार होंगे। चिराग ने कहा कि नीतीश चुनाव का नेतृत्व कर रहे हैं और विधानसभा में आने वाले विधायक ही मुख्यमंत्री चुनेंगे। यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया है। उन्होंने यह भी बताया कि गृह मंत्री के पहले दिए बयानों का संदर्भ स्पष्ट है और विधायक मिलकर निर्णय लेंगे।
चिराग पासवान ने महागठबंधन की उस घोषणा की भी आलोचना की कि तेजस्वी यादव को सीएम फेस घोषित किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह नाम जबरदस्ती और दबाव के द्वारा घोषित कराया गया, जिसमें डर-धमका और प्रेशर का इस्तेमाल शामिल था। चिराग के मुताबिक किस तरह से यह घोषणा करवाई गई, वह सार्वजनिक चर्चा में है और लोग इसे देख रहे हैं।
उन्होंने मुकेश सहनी पर भी कटाक्ष किया, जिनके बारे में चिराग ने कहा कि कई सिफारिशों और विनतियों के बाद उन्होंने स्वयं को डिप्टी सीएम का चेहरा घोषित करवा लिया। चिराग ने यह भी जोड़ा कि उनकी पार्टी के जितने भी प्रत्याशी जीतकर आएंगे, वे सभी मिलकर फिर से नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री चुनेंगे। इस बात पर उनका पूरा भरोसा जताया।
Patna, Bihar: On NDA’s Chief Ministerial face, Union Minister Chirag Paswan says, "How many times will the same announcement be made? Chief Minister Nitish Kumar is leading the elections and as the Home Minister has already mentioned, MLAs will come and MLAs will elect, this is… pic.twitter.com/igcDqtyPeE
— IANS (@ians_india) October 28, 2025
राजनीतिक पटल पर यह तस्वीर इस चुनावी मुकाबले की जटिलता को उजागर करती है। एक ओर महागठबंधन का स्पष्ट सीएम उम्मीदवार और दूसरी ओर एनडीए का अभी तक औपचारिक नयी घोषणा का इंतज़ार, मगर उसके भीतर नेतृत्व के लिए स्पष्ट सहमति का संकेत भी नजर आता है। चिराग के बयानों से पार्टी के इरादे और रणनीतिक भरोसा भी सामने आया है। वहीं महागठबंधन पर लगाए गए आरोपों ने हवा में तीखा तनाव भर दिया है और चुनावी रणनीतियों तथा गठबंधन रिश्तों पर नया असर डालने की संभावना बनी हुई है।
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आगे देखना होगा कि 14 नवंबर को चिराग ने कहा था कि नीतीश कुमार 14 नवंबर को फिर से बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे। किस रूप में राजनीतिक परिदृश्य पर प्रभाव डालेगा और मतदाता किस दलील से प्रभावित होंगे। इस बीच दोनों ही तरफ से सख्त राजनीतिक बयान और सार्वजनिक बैठकों का सिलसिला जारी रहने की संभावना है।