मुंबई। महाराष्ट्र में सियासी अस्थिरता के बीच राष्ट्रपति शासन लागू हो चुका है। इसके बाद अब सभी राजनीतिक दल नए सिरे से गठबंधन का रास्ता तलाश रहे हैं। शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर कोशिशें जारी हैं। राज्य में किसी भी दल द्वारा सरकार बनाने के लिए समर्थन ना जुटा पाने के बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की सिफारिश के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है। हालांकि राज्य में गठबंधन सरकार बनाने के लिए एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस एक साथ आने की कोशिश में जुटे हुए हैं। वहीं दूसरी ओर भाजपा भी राज्य में स्थिर सरकार होने की बात कहते हुए सरकार बनाने के नए सियासी समीकरण तलाश रही है। जानें महाराष्ट्र की सियासी हलचल से जुड़ी सभी ताजा अपडेट्स
- गुरुवार को शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत का एक और Tweet सामने आया है। उन्होंने वर्तमान राजनीतिक हालातों की ओर इशारा करते हुए लिखा है 'अब हारना और डरना मना है..' इसके साथ ही उन्होंने एक कोटेशन भी शेयर किया है जिसमें लिखा है 'हार हो जाती है जब मान लिया जाता है। जीत तब होती है जब ठान लिया जाता है।'
अब हारना और डरना मना है.. pic.twitter.com/mMCZyQmr84
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) November 14, 2019
- महाराष्ट्र की सियासत पर भाजपा की ओर से लंबे वक्त तक चुप्पी साधी गई थी। लेकिन बुधवार को गृहमंत्री अमित शाह पहली बार शिवसेना पर हमलावर होते नजर आए उन्होंने कहा कि हमारी कभी भी शिवसेना से 50-50 फॉर्मूला पर समझौता नहीं हुआ। हमने हमेशा चुनावी रैलियों में भी सीएम देवेंद्र फडणवीस को ही बनाए जाने की बात कही।
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के 24 अक्टूबर को नतीजे आए थे। इसमें भाजपा-शिवसेना गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिला था। लेकिन सीएम कुर्सी को लेकर हुई खींचतान के बाद दोनों दलों में गठबंधन टूट गया। इस बार भाजपा को 105 सीटें, शिवसेना को 56 सीटें, एनसीपी को 54 सीटें और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं।
Posted By: Neeraj Vyas