कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया की सबसे बड़ी जंग भारत में लड़ी जा रही है। सरकार हर तरह से भरपूर कोशिश कर रही है, लेकिन कहीं कहीं लोगों की नादानी भी सामने आ रही है। ताजा मामला गुजरात से है। जैसे ही खबर आई कि hydroxychloroquine से कोरोना वायरस का इलाज संभव है तो लोगों ने डॉक्टर की सलाह के बिना ही इस दवा का स्टॉक करना शुरू कर दिया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि सरकार को दखल देना पड़ा। प्रदेश भर की दवा दुकानों के लिए निर्देश जारी किए गए कि बिना डॉक्टर की पर्ची को किसी को भी hydroxychloroquine न दी जाए। साथ ही सरकार ने लोगों को समझाने की कोशिश की है कि बिना डॉक्टर की सलाह के इस दवा का सेवन कितना भारी पड़ सकता है।
बात दें, अमेरिका में हुए शुरुआती प्रयोगों के बाद वहां के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ऐलान किया था कि मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली hydroxychloroquine से कोरोना ठीक किया जा सकता है। भारत hydroxychloroquine का दुनिया में सबसे बड़ा मैन्युफेक्चर है। इसके बाद अमेरिका, ब्रिटेन समेत 16 देशों ने भारत से यह दवा बुलवाई है।
ट्रम्प की खबर सुनकर मची होड़
गुजरात में फूड तथा ड्रग कंट्रोल अथॉरिटी के प्रमुख एचजी काशिया बताते हैं, हमें पता चला है कि जब से ट्रम्प ने ऐलान किया है कि hydroxychloroquine से कोरोना का इलाज हो रहा है, इसके बाद से प्रदेशभर में hydroxychloroquine की खपत बढ़ गई। जांच करने पर पता चला कि लोग अपनी मर्जी से ही मेडिकल स्टोर पर जा रहे हैं और hydroxychloroquine खरीदकर घर में जमा कर रहे हैं।
क्यों खतरनाक है बिना डॉक्टर की सलाह के दवा लेना
वैसे डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी दवा नहीं लेना चाहिए, लेकिन hydroxychloroquine का सेवन जान के लिए नुकसानदायर हो सकता है। एचजी काशिया के मुताबिक, hydroxychloroquine एक शेड्यूल H ड्रग है यानी इसे बिना डॉक्टर की पर्ची के नहीं बेजा जा सकता है। यदि किसी शख्स में COVID-19 के लक्षण नहीं हैं और फिर भी वह hydroxychloroquine लेता है तो उसकी जान भी जा सकती है।
Posted By: Arvind Dubey
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