आणंद जिले के खंभात में कोराना गाइडलाइन की अवहेलना करते हुए मोहर्रम पर 3 किमी लंबा जुलूस निकालने पर गुजरात उच्च न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए जिला मजिस्ट्रेट से जवाब मांगा है। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विक्रमनाथ तथा न्यायाधीश जे बी पारडीवाला ने गुजरात में कोरोना गाइडलाइन की अवहेलना करने पर सरकार व प्रशासन को आडे हाथ लिया। अदालत ने आणंद जिला मजिस्ट्रेट 27 नवंबर तक एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश करने को कहा है। अदालत ने पूछा कि पुलिस के सामने 31 अगस्त को 3 किमी लंबा जुलूस निकाला गया, सार्वजनिक स्थलों पर बिना मास्क घूमते नजर आते हैं तब पुलिस क्यों कुछ नहीं करती। गौरतलब है कि आणंद के खंभात में पुलिस व प्रशासन की मंजूरी के बिना मोहर्ररम का 3 किमी लंबा जुलूस निकाला गया था।
आणंद के खंभात में बिना मंजूरी जुलूस निकालने के बाद पुलिस ने 500 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। लेकिन पुलिस की मौजूदगी में ऐसा जुलूस निकाले जाने को हाईकोर्ट ने काफी गंभीरता से लिया है। अदालत ने मास्क नहीं पहनने वाले नेताओं पर भी जुर्माना लगाने के निर्देश दिये हैं।
हाईकोर्ट ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते जारी गाइडलाइन की पालना क्यों नहीं हो पा रही है। जब आम आदमी से दंड वसूला जा रहा है तो बिना मास्क घूमने वाले नेताओं पर क्यों जुर्माना नहीं लगाया जाता। ग्रह विभाग के सचिव से अदालत ने इसका जवाब मांगा है।
Posted By: Navodit Saktawat
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