कोरोना महामारी के चलते गुजरात में हाल स्कूल खुलने का कोई ठिकाना नहीं है लेकिन राज्य सरकार ने ट्युशन फी में 25 प्रतिशत की कटौती के साथ अगले माह में बकाया शुल्क भरने का आग्रह किया है। अभिभावक संघ इस फैसले से नाराज है तथा 50 फीसदी शुल्क माफी पर अड़ा है। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने बुधवार को गांधीनगर में मंत्रिमंडल की बैठक में निजी स्कूल की फीस को लेकर चल रहे मुद्दे पर चर्चा की। शिक्षामंत्री भूपेंद्रसिंह चूडास्मा ने बताया कि सरकार निजी स्कूल की ट्यूशन फी में 25 प्रतिशत की कटौती पर सहमत है। चूडास्मा ने कहा कि स्कूल प्रबंधन शिक्षण शुल्क के इतर परिवहन, लाईब्रेरी, कंप्यूटर,खेल आदि का शुल्क नहीं लेगा तथा स्कूल के शिक्षक-शिक्षिकाओं के वेतन में भी कोई कटौती नहीं करेगा। चूडास्मा ने कहा कि राज्य में एक भी पंजीकृत अभिभावक संस्था नहीं है, इस मुद्दे पर न्यायिक लड़ाई लड़ रही संस्थाओं को मंगलवार को चर्चा के लिए बुलाया था। इस मुद्दे पर अभिभावक संगठन भी दो खेमों में बंटे हैं,चूंकि कुछ संस्था पदाधिकारियों को मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रवेश ही नहीं दिया गया।
निजी स्कूल संचालक इस फैसले पर अब सहमत होते नजर आ रहे हैं लेकिन गुजरात के अभिभावक संगठन सरकार से 50 प्रतिशत शुल्क माफी की मांग पर अड़े हैं। आल गुजरात अभिभावक संघ के नरेश शाह ने कहा है कि सरकार का यह फैसला मान्य नहीं है, शुल्क माफी 50 प्रतिशत होनी चाहिए। अभिभावक स्वराज मंच के अमित पंचाल, गुजरात अभिभावक मंडल के कमल रावल आदि भी सरकार के फैसले से असहमत हैं।
कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोशी का आरोप है कि सरकार निजी स्कूल संचालकों की तरफदारी कर रही है, 6 माह की स्कूल फीस माफ होनी चाहिए। जब स्कूल खुलने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं, स्कूल में शिक्षक, बिजली,प्रबंधन व परिवहन व अन्य गतिविधियों का कोई खर्च ही नहीं हो रहा तो फीस किस बात की मांग रहे हैं।
निजी स्कूल मालिक अभी सरकार के परिपत्र के इंतजार में
गुजरात में निजी विध्यालयों के शिक्षण शुल्क को लेकर कांग्रेस 2 अक्टूबर गांधी जयंती पर राज्यभर में प्रदर्शन करेगी। अभिभावक संघों के साथ कांग्रेस भी शिक्षण शुल्क में 50 फीसदी कटौती की मांग पर अडी है। उधर शिक्षामंत्री भूपेंद्रसिंह चूडास्मा ने पलटवार करते हुए कहा कांग्रेस शासित एक भी राज्य में ऐसी घोषणा नहीं हुई है। चूडास्मा का यह भी आरोप है कि कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल व अभिषेक मनुसंघवी सुप्रीम कोर्ट में निजी स्कूल मालिकों का पक्ष लेते हैं।
गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावडा का कहना है कि आगामी नवंबर माह तक सकूल खुलने के कोई आसार नहीं है। स्कूल बंद हैं, शिक्षक,प्रबंधन स्टाफ, कंप्यूटर, लाईब्रेरी, स्पोर्टस कोई भी गतिविधि नहीं चल रही है साथ ही स्कूल का बिजली, परिवहन व अन्य खर्च भी नहीं आ रहा है फिर भी स्कूल को फीस देने का सरकार दबाव डाल रही है। चावडा का कहना है कि कोरोना महामारी में अभिभावकों की आवक बंद हो गई अथवा आर्थिक तंगी में जी रहे हैं ऐसे में 25 फीसदी शुल्क माफी अभिभावकों के साथ एक मजाक है। चावडा ने मुख्यमंत्री विजय रुपाणी पर यह भी कटाक्ष किया कि सरकारके पास सीएम के लिए 190 करोड का हेलीकॉप्टर खरीदने को रुपए हैं लेकिन राज्य के गरीब व मध्यम वर्ग अभिभावकों के बच्चों की शिक्षा के लिए धन नहीं है।
उधर निजी सकूल मालिकों का कहना है कि सरकार की ओर से परिपत्र जारी करने के बाद वे देखेंगे कि उनकी मांग पूरी की गई है अथवा नहीं। साथ ही उनका यह भी कहना है कि 31 अक्टूबर 2020 तक दो टर्म की फी भरने वालों को ही शुल्क माफी का लाभ होगा। एसोसिएशन ऑफ प्रोग्रेसिव स्कूल के अध्यक्ष मनन चौकसी का कहना है कि सरकार ने 25 फीसदी शुल्क माफी की घोषणा किन शर्तों के साथ की है यह देखने के बाद ही उसका अमल कर सकेंगे।
शिक्षामंत्री भूपेंद्र चूडास्मा ने कांग्रेसको आडे हाथ लेते हुए कहा कि कांग्रेस एक सत्रअर्थात 6 माह के शुल्क कीमाफी की मांग कर रही है जो संभव नहीं है। शिक्षामंत्री ने यह भी कहा कि कांग्रेस शासित किसी भी राज्य में ऐसी घोषणा नहीं हुई है। चूडास्मा का यह भी आरोप है कि कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल व पूर्व केंद्रीय मंत्री अभिषेक मनु संघवी सुप्रीम कोर्ट में निजी सकूल मालिकों के पक्ष में केस लड रहे हैं, इसलिए कांग्रेस पहले खुद तय कर ले वह स्कूल मालिकों के साथ है या अभिभावकों के साथ।
Posted By: Navodit Saktawat
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