शत्रुघ्न शर्मा. अहमदाबाद। गुजरात के पूर्व मंत्री व पूर्व सांसद विट्ठल रादडिया का निधन हो गया। लंबी बीमारी के बाद सोमवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। एक दबंग, किसान व गरीब हितैषी नेता के रूप में वे लोगों के दिलों में अमिट छाप छोड गए। बेटे के असमय निधन के बाद उन्होंने कहा था- 'मनीषा मेरी पुत्रवधू नहीं बेटी के समान है, उसकी मांग में सिंदूर नहीं देखकर आंखें छलक जाती हैं।' बेटे के निधन के बाद उन्होंने मनीषा का दूसरा विवाह कराया और कन्यादान में सौ करोड़ रुपए की संपत्ति दी। इस तरह रादडिया ने पाटीदार समाज को एक नई सोच दी।
सौराष्ट्र के सहकारी जगत में उनका डंका बजता था। छोटे बेटे कमलेश का ह्रदयाघात के कारण निधन हो जाने पर विट्ठल भाई व उनकी पत्नी चेतना बेन ने पुत्रवधू मनीषा का दूसरा विवाह कराया था। कन्यादान में सूरत व राजकोट में एक-एक बंगला, खेती की जमीन तथा नकदी समेत एक करोड़ की सम्पत्ति दी थी। विट्ठल भाई ने तब समाज के लोगों से कहा था कि वे शुरुआत नहीं करेंगे तो समाज कैसे सुधरेगा, और पुत्रवधू का दोबारा विवाह का फैसला किया था।
ऐसे हुई थी राजनीति की शुरुआत
- कॉलेज की पढ़ाई पूरी होने के बाद विट्ठल बाई ने जामकंडोरणा तहसील पंचायत में अपना अलग पैनल बनाकर चुनाव लड़ा और अध्यक्ष बन गए। युवावस्था में ऐसी दबंगई की खबर भाजपा नेता शंकरसिंह वाघेला को पड़ी तो वाघेला उन्हें भाजपा में लाए।
- धोराजी से चुनाव लड़कर रादडिया विधानसभा पहुंच गए। सहकारी मंडलियों, सहकारी बैंक व किसान संगठनों में रादडिया आजीवन सक्रिय रहे।
- केशुभाई पटेल की सरकार में वे पहली बार राज्य मंत्री बनाए गए। वाघेला जब भाजपा से अलग हुए तो रादडिया पहले विधायक थे जो उनके साथ आए थे, उन्हें इसका इनाम भी मिलाऔर वे वाघेला सरकार में केबिनेट मंत्री बने।
- इसके बाद रादडिया सांसद चुने गए और इफको में निदेशक भी बने लेकिन अपने राजनीतिक गुरु वाघेला को जब कांग्रेस ने 2012 में नेता विपक्ष बनाया तो रादडिया नाराज होकर वापस भाजपा में लौट गए।
मंगलवार को होगा अंतिम संस्कार
राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री विजय रुपाणी, उपमुख्यमंत्री नीतिन पटेल, ऊर्जा मंत्री सौरभ पटेल, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन भाई मोढवाडिया सहित कई नेताओं ने रादडिया के निधन पर दुख जताया है। मुख्यमंत्री रुपाणी व कांग्रेस नेता मोढवाडिया मंगलवार को जामकंडोरणा पहूंचकर रादडिया को श्रद्वांजलि देंगे व अंतिम संस्कार में शामिल होंगे।
Posted By: Arvind Dubey
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