
लाइफस्टाइल डेस्क। अगर आपके परिवार में किसी करीबी सदस्य की 60 वर्ष या उससे कम उम्र में हार्ट अटैक या स्ट्रोक से मौत हुई है, तो यह हार्ट डिजीज की फैमिली हिस्ट्री को दर्शाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसी स्थिति में व्यक्ति को 45 वर्ष की उम्र से पहले ही दिल की नियमित जांच करानी चाहिए।
अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि को नहीं बदला जा सकता, लेकिन सही लाइफस्टाइल अपनाकर इस जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
हार्ट से जुड़ी शुरुआती चेतावनियों को नजरअंदाज करना खतरनाक साबित हो सकता है। सीने में दर्द या बेचैनी, सांस लेने में तकलीफ, बाहों या जबड़े में दर्द, चक्कर आना जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
अगर परिवार में पहले से हार्ट डिजीज रही है, तो जेनेटिक टेस्ट कराना फायदेमंद हो सकता है। इससे जीन्स में म्यूटेशन का पता लगाया जा सकता है, जिससे भविष्य के जोखिम का आकलन किया जा सके।
फल, मछली, नट्स, लो-फैट डेयरी और ऑलिव ऑयल जैसी चीजें हार्ट के लिए फायदेमंद हैं। 2018 की यूके स्टडी में पाया गया कि फिजिकली एक्टिव लोग, फैमिली हिस्ट्री होने के बावजूद, हार्ट अटैक या स्ट्रोक से अधिक सुरक्षित रहते हैं।
दिल की सेहत के लिए नियमित रूप से अपने ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड और ब्लड शुगर की जांच कराते रहें। ये आंकड़े आपके दिल की हालत का सबसे सटीक संकेत देते हैं।