
डिजिटल डेस्क। आज के दौर में फिट और खूबसूरत दिखने की चाह युवाओं में तेजी से बढ़ रही है। सोशल मीडिया, दोस्तों और परिवार के दबाव में कई लोग जिम, डाइट और शरीर की बनावट को लेकर इतने जुनूनी हो गए हैं कि उनका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होने लगा है।
विशेषज्ञों के अनुसार, फिटनेस का असली मकसद दिखावा नहीं, बल्कि स्वस्थ रहना और खुद से प्यार करना होना चाहिए। मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के पास अब हर हफ्ते ऐसे 3-4 केस पहुंच रहे हैं, जिनमें युवा फिटनेस ऑब्सेशन की चपेट में हैं।
जब कोई व्यक्ति अपने शरीर, डाइट और जिम को लेकर इतना अधिक व्यस्त हो जाता है कि बाकी चीजें उसके लिए गौण हो जाती हैं, तो यह फिटनेस ऑब्सेशन कहलाता है। ऐसे लोग लगातार कैलोरी गिनते हैं, बार-बार आईने में खुद को देखते हैं, और जरा-सा वजन बढ़ने पर बेचैनी महसूस करते हैं। यह स्थिति चिंता, तनाव और आत्मविश्वास की कमी का कारण बन सकती है।
सीहोर की 20 वर्षीय छात्रा दृष्टि शर्मा (परिवर्तित नाम) दिन में कई बार आईने में खुद को देखती हैं। वजन 48 किलो से ऊपर जाते ही उन्हें चिंता होने लगती है। दोस्तों के साथ बाहर खाना बंद कर दिया है, और अब उनका पूरा दिन जिम, डाइट चार्ट और कैलोरी गिनने में गुजरता है।
भोपाल के गौतम नगर के 22 वर्षीय आयुष वर्मा (परिवर्तित नाम) रोजाना दो बार जिम जाते हैं। शुरुआत में उनका उद्देश्य फिट रहना था, लेकिन अब यह जुनून बन गया है। जरा-सा वजन बढ़ते ही वे बेचैन और गुस्से में आ जाते हैं।
डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी (वरिष्ठ मनोचिकित्सक) के मुताबिक, जब व्यक्ति अपने शरीर की छोटी-छोटी कमियों पर अत्यधिक ध्यान देने लगता है, तो मस्तिष्क में चिंता और आत्म-आलोचना से जुड़ी गतिविधियां बढ़ जाती हैं। इससे व्यक्ति बॉडी डिस्मोर्फिक डिसऑर्डर, ईटिंग डिसऑर्डर, डिप्रेशन और एंजाइटी जैसी स्थितियों में फंस सकता है।
इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फिटनेस इन्फ्लुएंसर्स की परफेक्ट बॉडी देखकर युवा खुद को उनके जैसा बनाने की कोशिश में खुद को थका रहे हैं। लाइक्स और फॉलोअर्स पाने की चाह में वे फिटनेस को दिखावे से जोड़ने लगे हैं।
अक्सर परिवार या समाज की टिप्पणियां युवाओं में असुरक्षा बढ़ा देती हैं। उन्हें लगता है कि उन्हें अच्छा दिखना ही जरूरी है। जबकि परिवार को यह समझाना चाहिए कि फिटनेस सिर्फ बाहरी रूप नहीं, बल्कि मानसिक और शारीरिक संतुलन का नाम है।
1. फिटनेस को दिखावे नहीं, स्वास्थ्य से जोड़ें।
2. दूसरों से तुलना करना बंद करें और खुद से प्यार करें।
3. पर्याप्त नींद और आराम भी फिटनेस का जरूरी हिस्सा हैं।
4. सोशल मीडिया की तुलना और दबाव से दूरी बनाएं।
5. अगर मानसिक परेशानी महसूस हो तो विशेषज्ञ से सलाह लें।