1 दिसंबर से देश में पाम तेल का आयात एक लाख टन प्रति माह बढ़ने की संभावना
Updated: | Fri, 27 Nov 2020 11:39 PM (IST)इंदौर (नईदुनिया न्यूज)। दिसंबर, 2020 से देश में पाम तेल का आयात एक लाख टन प्रति माह तक बढ़ने की संभावना है। कारण यह है कि सरकार ने इसपर आयात शुल्क घटा दिया है, जिसके चलते यह अन्य खाद्य तेल के मुकाबले सस्ता हो गया है। केंद्र सरकार ने कच्चे पाम तेल (सीपीओ) पर आयात शुल्क 37.5 प्रतिशत से घटाकर 27.5 प्रतिशत कर दिया है। इस फैसले का मकसद खाद्य तेल की लगातार बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाना है। वैसे सोयाबीन तेल और कच्चे सनफ्लावर ऑयल पर आयात शुल्क 35 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है। वनस्पति तेल ब्रोकर सनविन ग्रुप के सीईओ संदीप बजोरिया ने कहा कि सरकार के इस फैसले के कारण दिसंबर से जहां पाम तेल का आयात करीब एक लाख टन प्रति माह बढ़ने की संभावना है, वहीं जनवरी, 2021 से सोयाबीन तेल का आयात घटना शुरू हो सकता है। वजह साफ है। आयातकों को अब सोयाबीन तेल और सनफ्लावर ऑयल के मुकाबले पाम तेल के आयात पर 7.5 प्रतिशत कम शुल्क चुकाना होगा। शुल्क में कटौती के बाद सीपीओ सोयाबीन तेल के मुकाबले 225 डॉलर प्रति टन सस्ता हो जाएगा। अब तक इनके आयात भाव का अंतर 175 डॉलर प्रति टन था। चूंकि भारत पाम तेल का सबसे बड़ा खरीददार है, लिहाजा यहां इसका आयात बढ़ने से बेंचमार्क मलेशियाई पाम तेल की कीमतों को सपोर्ट मिलेगा। गौर करने वाली बात है कि मलेशियाई पाम तेल ने इसी महीने आठ वर्षों का सबसे ऊंचा स्तर छुआ था।
वायदे में रिफाइंड सोया तेल और सोयाबीन तेज
हाजर बाजार में मजबूत रुझान के कारण वायदा कारोबार में शुक्रवार को रिफाइंड सोयातेल और सोयाबीन की कीमतों में तेजी दर्ज की गई। एनसीडीईएक्स पर रिफाइंड सोयातेल का दिसंबर डिलीवरी भाव 3.5 रुपये की तेजी के साथ 1,044.3 रुपये प्रति 10 किलो हो गया। इसका जनवरी, 2021 डिलीवरी भाव भी 2.3 रुपये बढ़कर 1,044 रुपये प्रति 10 किलो रहा। एनसीडीईएक्स पर सोयाबीन का दिसंबर डिलीवरी भाव आठ रुपये की तेजी के साथ 4,358 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। इसका जनवरी, 2021 डिलीवरी भाव भी 15 रुपये की जोरदार तेजी के साथ 4,361 रुपये प्रति क्विंटल हो गया।