
दंतेवाड़ा। नईदुनिया प्रतिनिधि। Dantewada News तिथियों के चलते इस बार दस दिनों की बजाए फागुन मंडई 12 दिनों की होगी और होलिका दहन के बाद 11 मार्च को मेला भरेगा। रविवार को फागुन मंडई की शुरूआत मेडका डोबरा में कलश स्थापना के साथ शुरू हुई। दंतेश्वरी मंदिर के पुजारी और सेवादारों ने सुबह माईजी की मंदिर में पूजा अर्चना के बाद गाजे-बाजे के साथ छत्र लेकर मेडका डोबरा पहुंचे।
मेडका डोबरा स्थित देवगुड़ी में छत्र स्थापना के साथ ही ज्योति कलश स्थापित की गई। इसके साथ ही 45 दिवसीय फागुन मंडई की प्रमुख रस्में शुरू हो गई। परंपरानुसार आज कलश स्थापना और पूजा के दौरान अंचल के मांझी- मुखिया और सेवादार व पुजारी मौजूद थे।
कलश स्थापना से पूर्व माईजी के छत्र को सशस्त्र सलामी दी गई। ग्रामीण क्षेत्रों से पहुंचे देवी- देवताओं के प्रतीक चिन्ह लॉट आदि के साथ छत्र को गाजे- बाजे के साथ लाया गया था। इस दौरान इस पथ को पानी से धोया गया था। शाम को माईजी की प्रथम पालकी शहर में निकाली गई।
ताड़ फंगला धोनी
परंपरानुसार फागुन मंडई में सोमवार की रात ताड़फंगला धोनी रस्म होगा। इस दौरान ताड़ पत्तों को सेवादार माईजी के तालाब में धोकर दंतेश्वरी मंदिर में रखेंगे। जिसे होलिका दहन के दिन सती शिला के समक्ष जलाया जाएगा। इस पत्ते के हवा में उड़े राख को पवित्र माना जाकर तिलक लगाने के साथ लोग घरों में प्रेत बाधाओं से बचने रखते हैं।
फागुन मंडई में कब, क्या
दिनांक कार्यक्रम समय
02 मार्च द्वितीय पालकी और ताड़फंगला धोनी रात आठ बजे के बाद
03 मार्च त़तीय पालकी और खोर खूंदनी रात 9 बजे के बाद
04 मार्च चतुर्थ पालकी और नाच मांडनी रात 10 बजे के बाद
05 मार्च पांचवी पालकी और लमहामार रात एक बजे
06 मार्च छठवीं पालकी और कोडरीमार रात दो बजे
07 मार्च सातवी पालकी और चितलमार रात तीन बजे
08 मार्च आठवीं पालकी और गंवरमार एवं गारी रात चार बजे
09 मार्च नवीं पालकी, आंवरामार व होलिका दहन रात सात बजे
10 मार्च रंग- भंग और पादूका पूजन सुबह 10 बजे
11 मार्च मेला मंडई दोपहर 2 बजे
12 मार्च आमंत्रित देवी-देवताओं की विदाई सुबह 10 बजे से