Bhopal News: बाघों को संरक्षित जंगल देने की चिंता छोड़ रसूखदारों को बचाने की कर रहे कोशिशें
Updated: | Tue, 19 Jan 2021 04:17 PM (IST)Bhopal News: भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। भोपाल से सटे जंगल में बाघों का कुनबा बढ़ रहा है लेकिन उन्हें संरक्षित जंगल देने की चिंता छोड़ रसूखदारों को बचाने की कोशिशें हो रही है। ये कोशिशें जंगल को संरक्षित करने के नाम पर की जा रही पेड़ों की गिनती के जरिए की जा रही है जिस पर वन्यप्राणी प्रेमी लगातार आवाज उठा रहे हैं लेकिन वन विभाग और राजस्व अमला ध्यान नहीं दे रहा है।
दरअसल, भोपाल से सटे समरधा रेंज के 13 शटर, जागरण लेकसिटी, मेंडोरा, मेंडोरी, चीचली, बुल मदरफार्म के पीछे जंगल से लगी बाघ भ्रमण वाली निजी जमीन पर पेड़ों की गिनती जा रही है जो कि केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देश पर की जा रही है। इस गिनती का मतलब यह है कि निजी जमीन पर प्रति हेक्टेयर 200 से अधिक वयस्क पेड़ निकले तो संबंधित निजी जमीन को संरक्षित जंगल में शामिल किया जाएगा। इतना ही नहीं, बाघ भ्रमण वाली निजी जमीन पर बिना अनुमति निर्माण कार्य, पेड़ों की कटाई को भी चिन्हित करना है क्योंकि क्षेत्र बाघ भ्रमण वाला है। यह काम राजस्व और वन विभाग का संयुक्त अमला कर रहा है। इस पर वन्यप्राणी विशेषज्ञ और आरटीआइ कार्यकर्ता राशीद नूर खान ने आरोप लगाए हैं कि निजी जमीन पर पेड़ों की वास्तविक संख्या को नहीं दर्शाया जा रहा है। इस तरह जमीन संरक्षित क्षेत्र के दायरे से बाहर हो जाएगी और वहां कुछ रसूखदार व्यवसायिक गतिविधियां शुरू कर देंगे। इस तरह बाघ समेत दूसरे वन्यप्राणियों के जीवन पर विपरित असर पड़ेगा, हालांकि इन आरोपों को भोपाल सामान्य वन मंडल के अधिकारी नकार रहे हैं।
पहले भी हो चुकी है गिनती
पेड़ों की गिनती जनवरी 2020 में भी शुरू हुई थी। उस गिनती में 25 से अधिक रसूखदारों के नाम आए थे जिन्होंने बिना अनुमति लिए बाघ भ्रमण वाली जमीन पर निर्माण कार्य करवा हैं। पेड़ों की कटाई भी करवा ली है। इन पर सख्त कार्रवाई होनी थी जो कि नहीं की जा रही है। वहीं कुछ निजी जमीन पर प्रति हेक्टेयर 200 से अधिक पेड़ मिले थे, उस जमीन को संरक्षित जंगल घोषित करने की बजाए दोबारा गिनती जा रही है। अब आरोप लग रहे हैं कि पहले की गिनती के आधार पर कार्रवाई करना छोड़, बचाने के लिए नए सिरे से गिनती की जा रही है।
Posted By: Ravindra Soni