Gwalior Consumer forum News: एटीएम कार्ड का उपयोग किए बिना निकला पैसा, यह बैंक की सेवा में कमी, 20 हजार रुपये वापस करे
Updated: | Thu, 25 Feb 2021 06:50 PM (IST)
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उपभोक्ता फोरम ने दिया फैसला, एसबीआई बैंक को केस लड़ने के खर्च के भी 2500 रुपये करने होंगे अदा
Gwalior Consumer forum News:
ग्वालियर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग (उपभोक्ता फोरम) ने उस पैसे को लौटाने का आदेश दिया है, जो एटीएम व पिन के उपयोग किए बिना खाते से लंदन में निकल गया था। फोरम ने कहा कि है कि खाताधारक के खाते से 50 हजार रुपये निकल गए थे, जिसमें बैंक ने 30 हजार रुपये लौटा दिए हैं, लेकिन 20 हजार रुपये लौटाने में असमर्थता जता रही है। इस पैसे को खाते में जमा करे। साथ ही परिवादी को केस लड़ने के खर्च के रूप में दो हजार 500 रुपये अलग से भुगतान किया जाए।
किला गेट रोड निवासी अरविंद शुक्ला ने फोरम में एक परिवाद दायर किया। उनकी ओर से तर्क दिया गया कि 11 फरवरी 2018 को बीमा प्रीमियम, संपत्ति कर आदि का आनलाइन भुगतान किया था। उनका एटीएम कार्ड व पिन उनके पास सुरक्षित है। इसकी किसी को जानकारी साझा नहीं की, लेकिन 12 व 14 फरवरी 2018 को 49 हजार 817 व 125 रुपये के दो ट्रांजेक्शन हुए। यह पैसा विदेश की उबेर ट्रेवलिंग एजेंसी को ट्रांसफर हुए। पैसा ट्रांसफर से पहले मोबाइल पर कोई ओटीपी नहीं आया। वह विदेश यात्रा पर भी कभी नहीं गया। इसकी शिकायत थाटीपुर थाने में भी की। बैंक की गलती से अनाधिकृत तरीके से खाते से पैसे ट्रांसफर हुए हैं। यह बैंक की सेवा में कमी है। रिजर्व बैंक के नियमों के पालन में खाते से जो गलत ट्रांजेक्शन हुआ है, वह राशि बैंक को लौटानी चाहिए, लेकिन पूरी राशि नहीं लौटाई है। एसबीआइ की मयूर मार्केट शाखा की ओर से जवाब पेश किया गया कि एटीएम कार्ड व पिन को संभालने की जिम्मेदारी खाताधारक की होती है। धोखाधड़ी व कपट का मामला है। इसकी पुलिस जांच कर रही है। धोखाधड़ी के लिए बैंक उत्तरदायी नहीं है, जो विवाद उत्पन्ना हुआ है, वह विदेश का है। इसलिए इस परिवाद को नहीं सुना जा सकता है। बैंक की ओर से 30 हजार 363 रुपये खाते में दोबारा जमा करना बताया है, लेकिन 20 हजार रुपये वापस करने में असमर्थता जताई। फोरम ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद निष्कर्ष निकाला कि बिना ओटीपी के विदेश में जो पैसा ट्रांसफर हुआ है, वह परिवादी को वापस नहीं मिला है। यह बैंक की सेवा में कमी है। परिवाद को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए 20 हजार रुपये वापस करने का आदेश दिया है।