
विक्रम सिंह तोमर. नईदुनिया, ग्वालियर: हमारी शिक्षा पद्धति में उज्जवल भविष्य तलाशता छात्र देश की संस्कृति, संस्कार के बारे में कितना जानता है , उसे देश के महापुरुषों और संतों के बारे में कितनी जानकारी है , इसका आंकलन करने के लिए पूरे प्रदेश में महाविद्यालय स्तरीय भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा आयोजित की जा रही है। यह परीक्षा 9 नवंबर को होगी, जिसमें स्तानक कर रहे छात्र हिस्सा लेंगे ।
यह परीक्षा शांति कुंज गायत्री परिवार, हरिद्वार के द्वारा आयोजित करवाई जाती है। प्रदेश में इस परीक्षा के आयोजित किए जाने को लेकर उच्च शिक्षा विभाग ने एक आदेश भी जारी किया है। बता दें कि गायत्री शक्तिपीठ के द्वारा छात्रों के लिए एक पुस्तक भी उपलब्ध करवाई गई है जिससे छात्र तैयारी कर सकते हैं। 50 रुपये में इस पुस्तक को छात्र खरीद सकते हैं। इस परीक्षा को देने के लिए छात्रों को किसी प्रकार का कोई शुल्क नहीं देना है। इस परीक्षा में उत्तीर्ण हुए छात्रों को पुरस्कार व प्रमाणपत्र देकर सम्मानित भी किया जाएगा।
किसी प्रतियोगी परीक्षा के आधार पर ही इस परीक्षा को भी आयोजित करवाया जाएगा। इसमें छात्र को परीक्षा पत्र दिया जाएगा। वहीं जवाब भरने के लिए ओएमआर शीट भी दी जाएगी। छात्रों से विकल्प आधारित 100 प्रश्न पूछे जाएंगे। सही जवाब छात्रों को गोला बनाकर भरना होगा। सभी प्रश्न छात्रों को दी गई पुस्तक और भारतीय संस्कृति पर आधारित रहेंगे। इसका रिजल्ट परीक्षा के एक महीने बाद आता है।
यह परीक्षा वर्ष 1994 से संबंधित संस्था के द्वारा करवाई जा रही है। इसमें कक्षा 5वीं से 12वीं और स्नातक तक के छात्र शामिल होते हैं। यह परीक्षा देश के 22 प्रांतों में हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, मराठी सहित कुल आठ भाषाओं में आयोजित की जाती है। इस परीक्षा में देशभर से हर साल 40 लाख से अधिक छात्र हिस्सा लेते हैं।
वर्तमान शिक्षा और आधुनिकता के बीच छात्रों को अपनी संस्कृति को जानना बेहद जरूरी है। इसी कारण से बीते लगभग 30 वर्षों से इस परीक्षा को आयोजित करवाया जा रहा है। इसमें छात्र न सिर्फ रुचिपूर्वक भाग लेते हैं।
-आरएस चौधरी, प्रांतीय समन्वयक, भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा, भोपाल